21 सितंबर 2008 को हुए मालेगांव विस्फोट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल पुरोहित को ज़मानत पर रिहा करने का फैसला सुनाया है. इस हादसे में 7 लोग मारे गए थे जबकि 79 लोग घायल हुए थे. इस मामले में कर्नल पुरोहित नौ साल से जेल में बंद हैं, अगर पुरोहित पर आरोप तय हो जाते तो उन्हें अधिकत सज़ा सात साल तक हो सकती थी.
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में कर्नल पुरोहित की ओर से जमानत के लिए दायर याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए लास्ट वीक सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने इस मामले में एनआईए से जवाब भी तलब किया था।
इसके जवाब में एनआईए ने ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कर्नल पुरोहित की जमानत का विरोध किया था। बता दें कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने माना है कि कर्नल पुरोहित बम बनाने और सप्लाई करने में शामिल थे।
बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट कर्नल पुरोहित की बेल एप्लीकेशन रिजेक्ट कर चुका है। जबकि इसी मामले की एक अन्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी गई है। याचिका में पेरिटी के आधार पर जमानत मांगी गई है।
याचिका में कर्नल पुरोहित ने कहा है कि, वे 9 साल से जेल में बंद हैं। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सही फैसला नहीं दिया है। हाईकोर्ट ने इसी आधार पर साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी लेकिन उनको जमानत देने से इनकार कर दिया। इसलिए उन्हें भी समानता के आधार पर जमानत दे दी जाए।
दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बच्चे के पिता ने मदद के…
2 hours agoशादी में मटन कम देने पर गुस्साए बराती, कैटरर के…
2 hours agoभारत चाहता है कि सीडीआरआई से अधिक से अधिक देश,…
2 hours ago