अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में सातवें मैनपाट महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई है मैनपाट के प्राकृतिक सौंदर्य और यहां के अलग संस्कृति को लोगों से रूबरू कराने के साथ मैनपाट की पहचान प्रदेश और देश में करने के उद्देश्य से शुरू किए गए मैनपाट महोत्सव के सातवे उत्सव में खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद रहेंगे। जिसके तहत जिला प्रशासन ने अधिकारियों को दायित्व सौंपने के साथ ही अपनी तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल मैनपाट कार्निवाल के नाम से वर्ष 2012 में मैनपाट महोत्सव शुरू किया गया इसका उद्देश्य स्थानीय कलाकारों को एक बड़ा मंच देने के साथ ही विद्यार्थी, स्थानीय कलाकार, छत्तीसगढ़ी कलाकार, एवं राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के जरिए मैनपाट की पहचान प्रदेश और देश भर में करानी थी जिसमें जिला प्रशासन सफल भी हुआ यही कारण है कि मैनपाट के टाइगर प्वाइंट, दलदली, मेहता पॉइंट, फिश पॉइंट, उल्टा पानी और तिब्बती संस्कृति को देखने के लिए न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश से भी लोग पहुंच रहे हैं।
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इस बार भी जिला प्रशासन ने मैनपाट महोत्सव के भव्य तैयारी की बात कही है जिला प्रशासन का कहना है कि इस बार मैनपाट महोत्सव में स्थानीय कलाकारों को महत्व दिया जाएगा इसके साथ ही लोगों के लिए आर्थिक रूप से विकास के लिए आयोजन भी किए जाएंगे ताकि अलग-अलग स्टॉल के माध्यम से नए-नए रोजगार की भी प्रदर्शनी की जा सके जिला प्रशासन ने लोगों की सुविधा के लिए मैनपाट तक संभाग मुख्यालय अंबिकापुर से सिटी बस चलाने की व्यवस्था भी की है ताकि मैनपाठ का लुत्फ अधिक से अधिक लोग बिना किसी परेशानी के उठा सके. 4 और 5 फरवरी को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के लिए लोगों में खासा उत्साह है जिला प्रशासन का कहना है कि अलग-अलग मंचों के माध्यम से लोगों को मैनपाट की संस्कृति से रूबरू कराने के साथ ही मैनपाट की पहचान देश और विदेश तक करने की तैयारी है ऐसे में हर पहलुओं पर नजर रखते हुए इसके भव्य आयोजन की तैयारी की बाद जिला प्रशासन कह रहा है।
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