नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद जहां पूरे देश और दुनिया की निगाहें भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर लगी थीं। उसी दौरान इंडियन आर्मी के जांबाज एक नए ठिकाने पर देश के दुश्मनों को ठिकाने लगा रहे थे। भारत और म्यांमार की सेना ने भारत-म्यांमार बॉर्डर पर 17 फरवरी से लेकर 2 मार्च तक एक मेगा ऑपरेशन चलाया था।
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इस दौरान पूर्वोत्तर में भारत के एक मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर हमले के मंसूबे को नाकाम कर दिया गया। इस प्रोजेक्ट पर म्यांमार के एक उग्रवादी संगठन की टेढ़ी निगाहें थीं।इंडियन आर्मी ने म्यामांर की अराकान आर्मी पर हमला बोला। इस आर्मी को KIA यानि काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी का वरदहस्त हासिल है।
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इस संगठन को म्यांमार की सरकार ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। अराकान आर्मी मेगा कालादान प्रोजेक्ट पर हमले की साजिश रच रहा था। ये एक ट्रांजिट प्रोजेक्ट है जो कोलकाता के हल्दिया पोर्ट को म्यांमार के सित्वे पोर्ट से जोड़ेगा। सेना के सूत्रों के मुताबिक डिप्लॉयमेंट और कवर किए गए एरिया के मामले में ये अपनी तरह का पहला ऑपरेशन था, जो 2 सप्ताह तक चला और 2 मार्च को खत्म हुआ। बता दें, कि अराकान आर्मी और KIA को चीन का समर्थन हासिल है।
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