मुरैना। जिले में एक ऐसे मौलाना है जो आज लोगों के बीच इतिहास में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल दे रहा है। चाहे कोई भी समय रहा हो, मुरैना के इतिहास में कभी भी इलाके में जातिगत फसाद देखने को नहीं मिले। इस भाई चारे की एक बड़ी मिसाल मौलाना रमजानी भाई चतुर्वेदी के रूप में देखने को मिलती है।
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वो इंसान जिसका धर्म मानवता है। ऐसा इंसान जिसे कुरान के साथ-साथ गीता, रामायण चारों वेदो का पूरा ज्ञान है। जो हिंदुओं के घर रामायण सुनाता है, तो वहीं, मुस्लिम परिवारों को कुरान पढ़कर बताता। इन्हें किताबे खोल कर देखने की भी जरूरत नहीं है। ये सभी उनको जुबानी याद है। यही वजह है कि सालों से मौलाना रमजानी चतुर्वेदी को जींगनी गांव के साथ साथ आसपास के इलाकों में भी लोग कार्यक्रमों में बुलाते है। लोगों को फर्क है कि ऐसा इंसान भी उनके बीच रह रहा है जिसका धर्म सिर्फ मानवता है।
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बता दें कि मौलाना रमजानी को 7 भाषााओं का ज्ञान है। हिंदू मोहल्ले में पढ़े—बढ़े रमजानी बचपन से ही बड़े बुजुर्गों के साथ बैठा करते थे। जिसमें उन्हें गीता पढ़ते हुए। रामायण पढ़ते हुए लोगों के साथ बैठना अच्छा लगता था। यही वजह है कि उनको इन किताबों में रूचि बढ़ी और आज चारों वेद, रामायण, गीता, कुरान उन्हें जुबानी याद है।इसके अलावा मौलाना रमजानी ने 15 सालों तक अरबी और फारसी पढ़ी और मोलाना की तामील हासिल की। आज भी उनके घर पर ये सभी किताब मौजूद है। इसी ज्ञान की वजह से उनके नाम के साथ चतुर्वेदी जुड गया।
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हमीर सिंह गुर्जर ने बताया कि लोगों को मौलाना रमजानी चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम सभी धर्मों के संदेश लोगों को सुनाते हैं। यही नही, कई बड़े बड़े कार्यक्रम किए हैं, जिसमें वो इन सभी धर्मों की बाते लोगों तक पहुंचाते हैं। यही वजह है कि उनका पूरे इलाके में हर धर्म के लोगों में बडा सम्मान है।
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मोहम्मद सलीम खान ने बताया कि मौलाना रमजानी भाई चतुर्वेदी की तरह अगर सभी लोग हर धर्म की किताब से सिर्फं इंसानियत की बाते सीखे और मानवता धर्म अपना ले तो शायद फिर हमारे देश में कभी धर्म के नाम पर दंगे फसाद नहीं होगा।