नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में आयोजित ‘हाउडी मोदी’ इवेंट के दौरान जहां आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को जमकर घेरा तो वहीं जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भारत के सामने पिछले 70 सालों से एक बड़ी चुनौती थी, जिसे उनकी सरकार ने अब फेयरवेल दे दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद राज्य की महिलाओं, बच्चों और दलितों के साथ लंबे समय से हो रहा भेदभाव अब खत्म हो गया है। वहीं, पीएम मोदी के इस भाषण को लेकर पीडीपी प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर तीखा पलटवार किया है।
<blockquote
class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">Ironic that a
move ostensibly taken to secure “special interests” of J&K gets
cheered on everywhere except in the state that’s it meant to benefit.
While people in Kashmir have been gagged , mass hysteria is orchestrated
elsewhere to justify this decision. <a
href="https://t.co/Z3cr3BkqDr">https://t.co/Z3cr3BkqDr</a></p>—
Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) <a
href="https://twitter.com/MehboobaMufti/status/1175849016724054017?ref_src=twsrc%5Etfw">September
22, 2019</a></blockquote>
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charset="utf-8"></script>
‘कश्मीर के लोगों का गला घोंटा गया’ महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘विडंबना यही है कि एक ऐसा फैसला जो जम्मू कश्मीर के ‘विशेष हितों’ को सुरक्षित करने के लिए लिया गया, उस फैसले पर हर जगह खुशी मनाई जा रही है, केवल उसी राज्य को छोड़कर और जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इससे राज्य के लोगों को फायदा होगा। जबकि इस फैसले को सही साबित करने के लिए कश्मीर के लोगों का गला घोंटा गया है, एक सामूहिक उन्माद फैलाया गया है।’ इससे पहले शुक्रवार को ही महबूबा मुफ्ती का ट्विटर अकाउंट एक्टिव हुआ था। महबूबा मुफ्ती पिछले 5 अगस्त से श्रीनगर के सरकारी गेस्ट हाउस में नजरबंद हैं और उनके कहीं भी आने-जाने पर पाबंदी लगी हुई है।
5 अगस्त से हिरासत में हैं महबूबा मुफ्ती आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला समेत कई नेता और कश्मीरी अलावादियों को पिछले 5 अगस्त से ही अलग-अलग जगहों पर हिरासत में रखा गया है। 5 अगस्त से ही राज्य में इंटरनेट, फोन और मोबाइल सेवाएं भी बंद कर दी गई थीं। हालांकि, धीरे-धीरे काफी इलाकों में इन सेवाओं में ढील भी दी जा चुकी है। अनुच्छेद 370 हटाने से लेकर वहां लगी पाबंदियों के खिलाफ कई राजनेताओं और वकीलों समेत कुछ एनजीओ सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इल्तिजा के अलावा सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को राज्य के खास इलाकों में जाने की अनुमति भी दी है।