सुकमा: जिन आदिवासियों के मन में एक समय पर सुरक्षा बल और पुलिस के नाम का खौफ था, वे आज बस्तर में तैनात सुरक्षा बलों के दोस्त बन गए हैं। और हो भी क्यों न। बस्तर में तैनात जवान यहां रहने वाले आदिवासियों को न सिर्फ सुरक्षा दे रहे हैं, बल्कि उनकी जिंदगी में खुशियों बिखरने का का भी काम कर रहे हैं। मौजूद हालात के अनुसार ये बात भले आपको अफवाह या झूठी लगे, लेकिन ये सच है कि बस्तर के जवान आदिवासियों के चेहरे में मुस्कान बिखरने का काम कर रहे हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि बस्तर के जवान कैसे आदिवासियों के चेहरे पर मुस्कान बिखरने की कवायद में लगे हुए हैं।
दरअसल दोरनापाल एसडीओपी अधिकारी अखिलेश कौशिक 6 मार्च धुर नक्सल प्रभावित पुसवाड़ा गांव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने देखा कि पुसवाड़ा में रहने वाले माड़वी हूंगा की 6 साल की बेटी माड़वी हूंगी का होंठ फटा हुआ है। इसके चलते गांव के अन्य बच्चे उसे चिढ़ाते थे। हूंगा गांव में रहकर किसानी कार्य करता है, जिसके चलते वह बेटी के होठ की सर्जरी करवाने असमर्थ है।
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गांव पहुंचने के बाद एसीओपी कौशिक ने देखा कि गांव की एक बच्ची को देखकर अन्य बच्चे अलग-अलग तरह से चिढ़ाने में लगे हुए हैं। इसे देखकर अखिलेश कौशिक ने उस बच्ची से बात करने की कोशिश की, लेकिन वह भाग खड़ी हुई। इसके बाद ग्रामीणों से बात कर हूंगी के पिता हूंगा को बैठक में बुलाया गया। डरा सहमा से वह बैठक में पहुंचा। एसीओपी कौशिक के पूछने पर हूंगा ने बताया कि कुछ साल पहले में खेलते वक्त हूंगी के होठ में चोट लग गई थी, जिसके बाद उसके होठ फट गए हैं।
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मामले की जानकारी होने के बाद अखिलेश कौशिक ने बच्ची के पिता को भरोसा दिलाया कि वे बच्ची के होठ की सर्जरी की जिम्मेदारी लेते हैं। गांव से लौटते ही एसडीओपी कौशिक ने जिले के अधिकारियों और कलेक्टर चंदन साहू से बात की और मामले की जानकारी दी। अधिकारियों ने अखिलेश कौशिक को बताया कि आप चिंता न करें चिरायु योजना के ऑपरेशन मुस्कान के तहत ऐसे बच्चों की सर्जरी मुफ्त में की जाती है। इसके बाद जिला प्रशासन की निगरानी में बच्ची के होठ की सर्जरी कराई गई। आज बच्ची अपने असली चेहरे के साथ उन्हीं बच्चों के साथ खेल रही है, जो कल तक उसे चिढ़ाते थे। बच्ची की जिंदगी में मुस्कान बिखरने में एसडीओपी अखिलेश कौशिक, थाना प्रभारी नितेश सिंह ठाकुर, थाना प्रभारी केरलापाल शैलेंद्र नाग, थाना प्रभारी पोलमपल्ली रितेश यादव, एसआई शंकर ध्रुव, डॉक्टर कपिल कश्यप और डॉ वेद कुमार साहू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दोरनापाल एसडीओपी, अखिलेश कौशिक ने बताया कि हमारा मक़सद यहां के आदिवासियों को सुरक्षित माहौल देने के साथ-साथ उच्चाधिकारियों के निर्देश पर लोगो की हर तरह की सहायता करने का है। पुसवाड़ा में एक बैठक में बच्ची को देखा गया था, जिसे सभी अधिकारियों के प्रयासों से नई मुस्कान मिल पाई है। इस प्रयास ने अंतरात्मा मे सुकून की अनुभूति हो रही है।
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