नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा दिए जाने वाले फंड पीएफ में कटौती का प्रस्ताव दिया है, लेकिन विभिन्न ट्रेड यूनियंस ने सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार प्रस्ताव दिया दिया था कि कर्मचारियों के बसिक सैलरी से काटे जाने वाले पीएफ की रकम को 12 प्रतिशत से 10 प्रतिशत किया जाए। इस प्रस्ताव के पीछे सरकार का ने हवाला दिया था कि इससे कर्मचारी अपने घर ज्यादा सैलरी ले जा सकेंगे।
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गौरतलब है कि वर्तमान समय में प्रावधान है कि कर्मचारी की सैलरी का 24 प्रतिशत हिस्सा पीएफ के तौर पर जमा किया जाएगा। इस नियम के अनुसार 12 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से काटा जाएगा और 12 प्रतिशत हिस्सा नियोक्ता कंपनी जमा करेगी। अब सरकार इसी प्रतिशत में कटौती कर इसे 10 प्रतिशत और कुल 20 प्रतिशत करने का विचार कर रही है। केन्द्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने अपने इस कदम का बचाव किया है और इस पर चर्चा के लिए मंगलवार को एक बैठक का भी आयोजन किया।
हालांकि विभिन्न ट्रेड यूनियंस ने मंगलवार को इस प्रस्ताव पर बुलाई गई बैठक का विरोध किया है। वहीं, आरएसएस की मजदूर विंग भारतीय मजदूर संघ इस बैठक में शामिल हुआ, लेकिन उसने भी पीएफ में कटौती के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
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