नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार ने एक और मास्टर स्ट्रोक खेला है। सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 2019 के शैक्षणिक सत्र से ही दस फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके लिए देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों में 25 फीसदी सीटें बढ़ाने का फैसला किया है।
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ताकि एससी-एसटी और दूसरे वर्गों को दिया जा रहा आरक्षण इससे प्रभावित ना हो। देशभर में करीब 40 हजार कॉलेज और 900 विश्वविद्यालय हैं, जिनमें ये कोटा लागू किया जाएगा। एचआरडी मंत्रालय, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन और ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन की बैठक में ये फैसला लिया गया।
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आपको बता दें कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण दिए जाने का संशोधन बिल राज्यसभा और लोकसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति भवन भेजा गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने इसको कानून बनाने की अधिसूचना जारी की थी। जिसके बाद मंत्रालय के साथ यूजीसी की बैठक में ये फैसला लिया गया।
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