21वीं सदी के युवाओं के साथ छलावा है मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति- घनश्याम तिवारी | Modi government's new education policy is a spoof with 21st century youth - Ghanshyam Tiwari

21वीं सदी के युवाओं के साथ छलावा है मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति- घनश्याम तिवारी

21वीं सदी के युवाओं के साथ छलावा है मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति- घनश्याम तिवारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : August 1, 2020/4:45 pm IST

रायपुर। मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय शिक्षा नीति में 34 साल बाद बदलाव पर तीखा हमला करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कई सवाल उठाए हैं। उन्होने कहा कि यह बदलाव देश के युवाओं के साथ छलावा है, देश की भावी पीढ़ी और 21वीं सदी के भारत को गुमराह करने वाला निर्णय है।

ये भी पढ़ें: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी ही पार्टी के राजीव सातव पर साधा निशाना, जवा…

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है, मोदी सरकार योजनाओं के नाम बदल कर देश की जनता को दिग्भ्रमित करना चाहती है। 10 + 2 मैट्रिक की पात्रता होती थी जिसे खत्म कर दिया गया है जो किसी भी सरकारी नौकरी के लिए प्रथम प्राथमिकता होती थी। नए आदेश में इन तथ्यों का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है, मतलब स्पष्ट है की देश में अब शिक्षित युवा बेरोजगार न कहलाए यही भाजपा मोदी सरकार की नयी शिक्षा नीति का एजेंडा है। जिस प्रकार बेरोजगारी के आंकड़े प्रस्तुत करने वाले विभागों पर पाबंदी लगा दी गई है उसी का यह पार्ट 2 है।

ये भी पढ़ें: प्लांट में बायलर फटने से 5 मजदूरों की मौत, मची अफरातफरी

तिवारी ने कहा कि, एक ओर भाजपा की मोदी सरकार द्वारा राष्ट्र पुनर्निर्माण और विश्वगुरु की बात की जाती है वहीं दूसरी ओर अंग्रेजी जैसे विषय की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है जबकि अंग्रेजी वैश्विक उच्चारण की भाषा है। मोदी सरकार देश के भविष्य से जुड़े हुए मुद्दों पर संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रही है, शिक्षा नीति के बदलाव पर भारत के ढाई लाख पंचायतों, 7 हज़ार ब्लॉक केंद्रों से सर्वदलीय सुझाव क्यों नहीं मांगा गया।

ये भी पढ़ें: राज्यसभा सांसद अमर सिंह के निधन पर अध्यक्ष अखिलेश यादव और राजनाथ ​स…

कांग्रेस प्रवक्ता तिवारी ने कहा कि शिक्षा पद्धति, कौशल विकास, रोजगार मूलक शिक्षा, वैज्ञानिकता को दरकिनार करते हुए यह निर्णय भाजपा की मोदी सरकार ने देश पर थोपा है जिससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ को लेकर आने वाली पीढ़ी इन्हे कभी माफ नहीं करेगी।