1 अप्रैल से इतनी कम हो जाएगी कर्मचारियों की सैलरी, 12 घंटे करना होगा काम, मोदी सरकार ला रही नया नियम | modi govt change working hours take home salary decrease pf and retirement rules will change from April 1

1 अप्रैल से इतनी कम हो जाएगी कर्मचारियों की सैलरी, 12 घंटे करना होगा काम, मोदी सरकार ला रही नया नियम

1 अप्रैल से इतनी कम हो जाएगी कर्मचारियों की सैलरी, 12 घंटे करना होगा काम, मोदी सरकार ला रही नया नियम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : February 24, 2021/12:46 pm IST

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार एक अप्रैल से कर्मचारियों की सैलरी, काम करने का समय और पीएफ से जुड़े गई नियमों में बड़ा बदलाव कर सकती है। वहीं, केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे इस बदलाव में सबसे अहम बात ये है कि कर्मचारियों की सैलरी कम हो सकती है। कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (पीएफ) मद में बढ़ोतरी होगी लेकिन हाथ में आने वाली सैलरी घट जाएगी। यहां तक कि कंपिनयों की बैलेंस शीट भी इससे प्रभावित होगी।

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दरसअल मोदी सरकार ने पिछले साल तीन मजदूरी संहिता विधेयक सदन में पास करवाए थे और अब इस कानून को लागू करने की तैयारी हो रही है मजदूरी की नई परिभाषा के तहत भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसदी होंगे। इसका मतलब है कि मूल वेतन अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए। गौरतलब है कि देश के 73 साल के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव किए जा रहे हैं।

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नए ड्राफ्ट कानून में कर्मचारियों के कामकाज को लेकर भी प्रावधान है। इस प्रस्ताव के अनुसार कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया गया है। नए प्रस्तावमें कहा गया है कि अगर कर्मचारी 12 से 30 मिनट भी अधिक काम करता है तो वह ओवरटाइम के दायर में आएगा। वहीं, किसी भी कर्मचारी को 5 घंटे से अधिक काम करने के लिए बाधित नहीं किया जा सकेगा। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं।

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नए नियमों के अनुसार मूल वेतन कुल वेतन का 50 प्रतिशत यह उससे अधिक होना चाहिए। इस फैसले से आपकी टेक होम सैलरी कम हो जाएगी, लेकिन पीएफ और अन्य भत्तों में बढ़ोतरी हो जाएगा। क्योंकि वेतन का गैर-भत्ते वाला हिस्सा आमतौर पर कुल सैलेरी के 50 फीसदी से कम होता है। पीएफ मूल वेतन पर आधारित होता है। मूल वेतन बढ़ने से पीएफ बढ़ेगा, जिसका मतलब है कि टेक-होम या हाथ में आने वाला वेतन में कटौती होगी।

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