छग विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित | monsoon session of cg assembly

छग विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

छग विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : August 3, 2017/7:02 am IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के हमलवार विपक्ष के ज़ोरदार हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है. गुरुवार को तीसरे दिन भी विपक्ष ने गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाज़ी की. विपक्ष ने अगस्ता हेलीकॉप्टर खरीदी पर भी जमकर हंगामा किया. विपक्ष के उग्र तेवर के चलते सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. इस दौरान सीएम रमन सिंह ने बयान दिया है कि सदन चर्चा के लिए होती है लेकिन विपक्ष है कि सुनने का नाम ही नहीं लेता उनको तो केवल हंगामा करना है.

ऐसे चली पूरी प्रक्रिया….

 

डॉ रमन सिंह ने कहा – 

जिस मुद्दे पर गाइडलाइन आ गई है. सुप्रीम कोर्ट में जो मामला चल रहा है, उस विषय पर चर्चा नहीं हो सकती. आसंदी ने स्थगन के विषय को खारिज कर दिया. जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तो ऐसे विषय पर यहां चर्चा नहीं हो सकती है.  मुद्दा उठाने वाले लोगों ने ही सुप्रीम कोर्ट में मामला लगाया है. जहां इन्होंने अपनी बात रखी है, वह सबसे बड़ा न्यायालय है।

विपक्ष के लोग सब कन्फ्यूज्ड है, एक दूसरे के प्रति शंका कर रहे है.  मुझे लगता है, पक्ष की भूमिका पक्ष की होती है और विपक्ष की भूमिका विपक्ष की. इन्हें ही नहीं पता कौन किसके साथ है. सरकार चलाने की जिम्मेदारी जनता ने हमें दी है. जो बीच मे हैं, उनकी स्थिति सुनिश्चित नहीं हो पाती. ये तो चलता रहता है. एक दूसरे पर शंका नहीं करनी चाहिए. भरोसा करना चाहिए।

विधानसभा चर्चा के लिए है. यहां प्रश्न लगते हैं, ध्यानाकर्षण लगता है, स्थगन पर चर्चा होती है. अब तो सदन की कायवाही का सीधा प्रसारण हो रहा है. लाखों रुपये इसके लिए खर्च किये जा रहे है. देश और प्रदेश की जनता सीधे कार्यवाही देखती है. लेकिन ये आश्चर्य का विषय है कि विपक्ष प्रश्नकाल में प्रश्न नहीं करेगा, ध्यानाकर्षण में खड़े नहीं होगा, तो ऐसे में विधानसभा चलाने का क्या मतलब. विधानसभा विपक्ष की सबसे बड़ी ताकत है. इससे बड़ी कोई दूसरी ताकत नहीं हो सकती. एक-एक जवाब के लिए मंत्री से लेकर अधिकारियों को बहुत मेहनत करनी होती है. यदि कोई सदस्य जवाब से असंतुष्ट होता है तो और भी दूसरे माध्यम है, उन माध्यमों का उपयोग करना चाहिए. हम लंबे समय तक बैठकर चर्चा के लिए तैयार हैं।

 

 

नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा कि – 

दुर्भाग्य है कि 8 दिनों के लिए बुलाये गए सत्र को तीन दिनों के भीतर ही खत्म कर दिया गया. सरकार के दामन में लगे धब्बों को सरकार छुपाना चाहती है. लोकतंत्र को इतना बड़ा आघात पहले ना कभी लगा था और ना कभी लगेगा।

झीरम घाटी से लेकर वर्जिन आइलैंड तक में नाम आने वाले मुख्यमंत्री, नसबंदी कांड में गलत दवा खरीदने वाले मंत्री को बचाने से लेकर चेकपोस्ट पर टोकन से वसूली करने वाले मंत्री को बचाने वाले मुख्यमंत्री, जलकी गांव में फारेस्ट लैंड पर रिसोर्ट बनाने वाले मुख्यमंत्री, आउटसोर्सिग करने वाले मुख्यमंत्री, नान घोटाले में नाम आने वाले मुख्यमंत्री जनप्रतिनिधियों का सामना नहीं कर सके. प्रजातंत्र का इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता. वर्जिन आइलैंड के संबंध में चर्चा क्यों नहीं होनी चाहिए. अंतागढ़ टेपकांड, इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले में नार्को टेस्ट की सीडी आने के बाद भी कार्यवाही नहीं करने वाली सरकार को 56 इंच का सीना दिखाने वाले प्रधानमंत्री आखिर पूरे मंत्रिमंडल को बर्खास्त क्यों नहीं करते. सरकार चेहरा छुपाना चाह रही है. हमने सत्र की आठ बैठकों में हर दिन एक- एक मंत्री के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर स्थगन लाने की योजना बनाई थी।

मुख्यमंत्री ने जो अनुपूरक बजट पेश किया, उसमें कहीं किसानों के बोनस का जिक्र नहीं था, समर्थन मूल्य के तहत एक-एक दाने की खरीदी का जिक्र नहीं था, किसानों की बिजली माफी का जिक्र नहीं था, शिक्षाकर्मियों की नियमितीकरण का कोई जिक्र नहीं था. टी एस सिंहदेव ने कहा कि- सरकार के वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सीएम हाउस में जाते हैं तो वहां उनकी गाड़ी को हाउस के बाहर 20 मिनट के लिये रोक दिया जाता है. क्या सीएम को उनके अपने मंत्री पर भरोसा नहीं है. क्या मंत्री अपनी गाड़ी में बम लेकर जा रहे थे. जब सीएम को अपने कैबिनेट मंत्री पर भरोसा नहीं है तो क्यों ऐसे मंत्रियों को रखा है।

 

भूपेश बघेल ने कहा – 

संसदीय प्रणाली में विधानसभा के चलते कार्यदिवस में अनुपूरक कार्यसूची बहुत कम जारी किया जाता है. इसका मतलब है कि सरकार विधानसभा समाप्त करना चाहती थी.  इसलिए क्योंकि पनामा पेपर लीक मामले का जिक्र किया गया. चर्चा में ये बात सामने आती की वर्जिन आइलैंड में कमीशन का जो पैसा है, उस काले धन को छिपाने में खाता खोला गया. जिस पाकिस्तान को हम कमजोर कहते है, वहां के पीएम को इस्तीफा देना पड़ता है. लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं होता. स्थगन का मुद्दा यही था, इसलिए सदन की कार्यवाही समाप्त कर दी गई. सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है. बीजेपी को लोकतंत्र में विश्वास नही है. सरकार का मुखौटा उतर चुका है. जनता इस बात को बखूबी जान चुकी है. विधानसभा अध्यक्ष आज मौन हो गए थे. लोकतंत्र को जो भी कमजोर करने की कोशिश करेगा, हम उसके खिलाफ रहेंगे. हम अब जनता के बीच जाएंगे, जिस तरह से लोकतंत्र की हत्या हुई है, उसकी जानकारी देंगे।

 

 

 
Flowers