'BLANK' सच में ब्लैंक है ... | MOVIE REVIEW-BLANK

‘BLANK’ सच में ब्लैंक है …

'BLANK' सच में ब्लैंक है ...

:   Modified Date:  December 3, 2022 / 10:03 PM IST, Published Date : December 3, 2022/10:03 pm IST

मुंबई। करण कपाड़िया और सनी देओल की फिल्म BLANK रिलीज हो चुकी है। फिल्म का ट्रेलर काफी शानदार था जिसमें सनी देओल दमदार अंदाज में देखने को मिल रहा था, करण कपाड़िया जो कि डिंपल कपाड़िया की बहन सिंपल कपाड़िया के बेटे हैं उनकी डेब्यू फिल्म है।

 

फिल्म की कहानी एक ऐसे व्यक्ति से शुरू होती है जो मोबाईल फोन पर बात करते करते मुंबई की सड़कों पर घूम रहा है। और अचानक उसका एक्सीडेंट हो जाता है और उसे अस्पताल लाया जाता है। जहां डॉक्टर्स को पता चलता है कि ये व्यक्ति एक सुइसाइड बॉम्बर है। उसके सीने में बॉम अटैच है. जिसका स्वीच उसके दिल की धड़कन है इसकी जांच करने के लिए एंट्री होती है। एंटी टेररिस्ट स्वाक्ड चीफ एसएस दीवान (सनी देओल )की, जो काफी धमाकेदार है अब पूछताछ में उसका सिर्फ नाम पता चलता है हनीफ ( करण कपाड़िया)अब उसका मकसद क्या है वो क्यों आया है और ये बम कहां ब्लास्ट करने वाला था, शहर में और भी बारूद है वो कहां है..ये जानने के लिए उससे दीवान पूछताछ करता है ये सब कैसे होता है.

एक्टिंग की बात करें तो सनी देओल काफी वक्त के बाद दमदार में नजर आए हैं जो उनके फैन्स के लिए ट्रीट है, लेकिन ऐसा रोल करना सनी देओल के लिए कोई नई बात नहीं है। वो पहले भी फिल्मों में ऐसे रोल कर चुके हैं। अपने रोल को उन्होंने बेहतरीन ढंग से निभाया है जिसमें वो माहिर हैं लेकिन इस बार दमदार डायलॉग्स जैसा की उनसे उम्मीद की जाती है कम है।

 

वहीं डेब्यू स्टार करण कपाड़िया की उनकी पहली फिल्म है ऐसे में एक्टिंग के लिए हम उन्हें ज्यादा नहीं बोल सकते, लेकिन एक्शन सीन्स में उनके इमोशनल सीन्स आपको बोर करेंगे। सबसे बड़ी बात जब करण कपाड़िया डायलॉग बोलते हैं तो आपको लगेगा पर्दे पर सुनील शेट्टी है। हालांकि उन्होंने अपना रोल अच्छे तरीके से निभाया है। फिल्म का सबसे शानदार पार्ट इसका सस्पेंस है जो एकदम डिफरेंट हैं। सुसाइड बॉम्बर की कहानी नई है जो आपको बांधे रखेगी। लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म बोरिंग लगने लगेगी। एक्शन थ्रिलर फिल्मों में जो तेजी चाहिए होती है वैसी नहीं है फिल्म में एक भी गाना नहीं है जो गाना है वो आपको समझ नहीं आएगा। फिल्म का सस्पेंस काफी अच्छा है एक मैसेज भी ये फिल्म देती है फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी कहानी है और जरुरत से ज्यादा मेलोड्रामा है जिसके चलते ये फिल्म फीकी पड़ जाती है। सच कहें अगर इस फिल्म में करण की जगह अक्षय कुमार होते तो ये फिल्म बॉक्सऑफिस पर एक बार फिर उनकी दूसरी फिल्मों की तरह धमाल मचा सकती थी। ये फिल्म सनी देओल के फैन्स के लिए सरप्राइज है और उनके लिए आप ये फिल्म देख सकते हैं हो सकता है ये सनी देओल की आखिरी फिल्म हो क्योंकि वो लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और अगर जीत गए तो सांसद बन जाएंगे और हो सकता है। फिल्मी पर्दे पर नजर ना आए। मेरी तरफ से ब्लैंक फिल्म के शानदार सस्पेंस और सनी देओल के लिए 2 स्टार /5 स्टार।