मुंबई। विद्युत जामवाल की फिल्म जंगली रिलीज हो चुकी है। फिल्म के शानदार पोस्टर और ट्रेलर देखकर दर्शकों की उम्मीद बढ़ चुकी थी लेकिन वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं यही इस फिल्म के साथ हुआ है।
फिल्म की कहानी मुंबई में जानवरों के डॉक्टर राज नायर(विद्युत जामवाल) की है जो जानवरों से बहुत प्यार करता है। उसका बचपन अपने पापा के द्वारा चलाई जा रही है हाथियों की सेंचुरी में नन्हें हाथियों के साथ बिता है। बचपन के दोस्त भोला(हाथी) उसका सबसे पुराना दोस्त है राज 10 साल बाद अपने पापा के घर चंद्रीका सेंचुरी पहुंचा है। जहां बचपन के साथी भोला के साथ वक्त बिताता है। और बचपन के दिनों को याद करता है लेकिन अब सेंचुरी में शिकारियों का कब्जा हो चुका है । और शिकारी तस्करी के लिए जानवरों को मारते हैं। इसी बीच भोला को भी मार दिया जाता है। और यहां से कहानी में ट्विस्ट शुरू होता है तस्करो से भोला को बचाते वक्त राज के पिता की मौत हो जाती है और भोला भी मर जाता है। यहां जरूरी था एक इमोशनल टच की जो नहीं दिखता अब भोला और पिता की मौत का बदला लेने के लिए राज तैयार होता है। अब राज ये कैसे करता है वो जंगल से इन तस्करों को कैसे निकालता है।
और अपने पापा की सेंचुरी को कैसे बचा पाता है यही देखने के लिए आपको सिनेमाहॉल जाना है।
हॉलीवुड डायरेक्टर चक रसेल ने शानदार डायरेक्शन किया है फिल्म की लोकेशन बेहद खूबसूरत हैं लेकिन जंगल में जंगली जानवरों की कमी खलती है मतलब साफ है फिल्म की कहानी में कोई नया पन नहीं बेहद कमजोर है। हालांकि ये फिल्म फर्स्ट हाफ तक आपको बांधे रखती है लेकिन सेकेंड हाफ कमजोर है विद्युत जामवाल एक्टिंग कम करते हैं। अपनी बॉडी शो ऑफ ज्यादा करते हैं फिल्म का एक्शन सीन्स बेहद शानदार है जिनके लिए विद्युत जाने जाते हैं एडवेंचर और बेहतर हो सकता था.
कुल मिलाकर ये फिल्म आप अगर ना भी देखें को कुछ मिस नहीं करेंगे 2/5 STAR
दिल जीतेगी ‘नोटबुक’
डायरेक्टर नितिन कक्कड़ की फिल्म है और सलमान खान प्रोडक्शन की ये पहली शानदार फिल्म कह सकते हैं बीते साल वो लवयात्री लेकर आए थे जिसमें आयुष शर्मा और वरीना हुसैन ने डेब्यू किया था फिल्म के गाने शानदार थे लेकिन कहानी पुरानी थी जो पिट गई। अब फिल्म ‘नोटबुक’ में सलमान ने मोनीश बहल की बेटी और जहीर इकबाल को लॉन्च किया है। रोमांटिक फिल्मों के शौकिन लोगों को ये फिल्म पसंद आएगी ये फिल्म 2014 में आई ”द टीजर्स डायरी” से इंस्पायर है फिल्म में कबीर (जहीर इकबार) को सजा के तौर पर कश्मीर के ऐसे गांव में बच्चों को पढ़ाने के लिए भेजा जाता है।
जहां इंटरनेट मोबाइल और दूसरी बुनियादी सुविधाएं नहीं है ऐसे में बच्चों को पढ़ाते वक्त उस एक नोटबुक मिलती है. जिसे वो पढ़ता है और पढ़ते पढ़ते उसकी राइटर फिरदौस (प्रनूतन) से प्यार हो जाता है । अब कबीर फिरदौस से मिलने के लिए बेकरार हो जाता है वो उसकी तलाश करता है जिसमें स्कूल के बच्चे भी उसकी मदद करते हैं।
जिन्हें वो पढ़ाता है इस दौरान कबीर को कश्मीर में फैले गंभीर मुद्दों के बारे में पता चलता है कि इस खूबसूरत वादियों के अंदर रहने वाले लोग में कितना दर्द है। फिल्म में कश्मीरी पंड़ित, आतंकवाद और बच्चों की एजुकेशन को लेकर उठी समस्याओं के बारे में पता चलता है। और यहां कहानी क्या रंग लेती है ये आपको देखना पडेगा।
फिल्म में प्रनूतन बहल और जहीर इकबाल ने डेब्यू किया है और कहना गलत नहीं होगा कि दोनों ने पहली ही फिल्म शानदार काम किया है। आयुष शर्मा औऱ वरीना के मुताबिक ये दोनों कलाकार ज्यादा बेहतर हैं। फिल्म की कहानी एक लवस्टोरी है लेकिन इसमें कश्मीर के लोगों और वहां के हालातों का दर्द छुपा हुआ है जो देखते वक्त आप फील करेंगे।फिल्म का म्यूजिक भी ठीक ठाक है छोटे छोटे बच्चे फिरदौस और कबीर को मिलाने के लिए नटखट शरारते करते हैं जो आपको लुभा लेंगी। कश्मीर की खूबसूरत वादियों है जिन्हें देखकर आप इंप्रेस हो जाएंगे।हालांकि इंटरवल के बाद कहानी थोड़ी बिखर जाती है। ज्यादा बाते समेटने के चक्कर में कहानी खोई हुई लगती है तो आप थोड़ा थक जाते हैं लेकिन ओवरऑल ये एक अच्छी फिल्म है।
3/5M STAR
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