मध्य प्रदेश कांग्रेस के पास अब पैसे के नाम पर कुछ नहीं बचा है इसकी भरपाई करने कांग्रेस ने एक नया पैतरा निकाला है। वित्तीय संकट से घिरी पार्टी ने अब विधानसभा चुनाव के साल में खजाना भरने के लिए नया प्रयोग करने जा रही है. इस बार टिकट की ख्वाहिश रखने वाले नेता को आवेदन के साथ 50 हजार रुपए का डिमांड ड्राफ्ट भी जमा कराना होगा. और यह भी बता दें कि ये राशि आवेदन करने वाले नेता को टिकट नहीं मिलने पर भी वापस नहीं की जाएगी. दरअसलए इस बार मध्यप्रदेश कांग्रेस चुनाव के आठ महीने पहले ही उम्मीदवारों के चयन प्रकिया शुरू कर दी है। और इसके साथ ही साथ पार्टी के खजाने को कैसे भरा जाये इसके लिए भी नया नियम लाया है।
इस बारे में कांग्रेस महासचिव दीपक बावरिया का कहना है कि प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में यह फैसला हुआ है.कि दावेदारों से राशि इसलिए भी ली जा रही है ताकि गंभीर दावेदार ही टिकट की दौड़ में शामिल हो इसके साथ ही पार्टी कमजोर वर्ग और आर्थिक स्थित सक्षम नहीं होने वाले उम्मीदवार को अपवाद मानकर टिकट देगी।
बताया जा रहा कि पांच मार्च से आवेदन लेने की प्रकिया शुरू होगी और यह 15 मार्च तक चलेगी। इस दौरान महिलाए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को पार्टी ने छूट देते हुए यह राशि 25 हजार रुपए तय की है।
यूपीए राज में करोड़ों के घोटालों के बाद कांग्रेस के टिकट के नाम पर धन उगाही कहीं काले धन को सफेद करने का कोई उपाय तो नहीं है ? मोदीजी द्वारा नोटबंदी और चुनावी चंदों में पारदर्शिता लाने के कानून के कारण तमाम राजनीतिक दल के काले कारोबार अब संकट से झूझ रहे हैं।
— Rajneesh Agrawal (@rajneesh4n) February 25, 2018
हालांकि कांग्रेस की इस घोषणा के बाद भाजपा इसे मुद्दा बना रही है पार्टी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा है कि काले धन को सफ़ेद करने का उपाय है ये।
वेब टीम IBC24
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