बिहार। मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड में रोज एक नई बात निकल कर आ रही है। मेडिकल जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आ रही है कि बालिका गृह की 42 में से 34 बच्चियों के साथ बलात्कार हुआ है। इतना ही नहीं मेडिकल जांच में यह बात भी सामने आई है कि छह लड़कियां गर्भवती हो गई थीं। इनमें से तीन का अबॉर्शन भी करवाया गया था।सबसे चौकाने वाली बात यह है कि गर्भवती हुई लड़कियों की उम्र सात से 14 वर्ष के बीच है।
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इस घटना के उजागर होने के बाद ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने बयान में दस वर्ष की एक पीड़िता ने कहा कि सूरज के ढलते ही बालिका गृह के अंदर दहशत का माहौल रहता था। रोज रात हम डरे सहमे से गुजारते थे। मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में दस वर्षीय एक और पीड़िता ने बताया कि बृजेश की बात नहीं मानने पर हमें खूब पीटा जाता था।विरोध करने पर हाथ पांव बांध दिए जाते थे। पीड़िताओं की बात से एक बात और सामने आ रही है कि उन्हें बृजेश के आलावा दूसरों के पास भी भेजा जाता था। जिसमे बालिका गृह की कर्मचारियों की भी सहमति रहती थी। बाहर जाने वाली लड़कियों को नहीं पता होता था कि कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है । 11 साल की एक पीड़िता ने अपने बलात्कारी की पहचान तोंदवाले अंकल के रूप में किया, तो दूसरी ने उसी अपराधी की पहचान बताते हुए कहा कि वह मूंछवाला भी था।पीडिताओं ने बताया जब वह तोंदवाला और मूंछवाला नेताजी वहां होते थे तो किसी को भी रूम में आने की इजाजत नहीं होती थी।
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कोर्ट के सामने सात साल की एक पीड़िता ने बताया कि रेप के दौरान उसके हाथ पैर बांध दिए जाते थे। विरोध करने पर तीन दिन तक भूखा रखा जाता था और बेरहमी से पिटाई होती थी। बृजेश ठाकुर की जब तक बात नहीं मान ली जाती थी तब तक उन्हें खाना नहीं दिया जाता था।
वेब डेस्क IBC24
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