सुकमा। साल 2016 के तोंगपाल हत्याकांड में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर और जेएनयू की प्रोफेसर अर्चना प्रसाद सहित 5 आरोपियों को पर्याप्त सबूत न होने की वजह से सुकमा पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। तोंगपाल हत्याकांड में क्लीन चिट देने के संबंध में आईबीसी 24 से बातचीत में सुकमा एसपी जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि सबूतों के आभाव में उन्हें क्लीनचिट दिया गया है।
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बता दें कि 4 नंबबर 2016 को सुकमा जिले के तोंगपाल के सौतनार नामापारा गांव के आदिवासी शामनाथ बघेल की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में प्रोफेसर नंदिनी सुंदर,प्रोफेसर अर्चना प्रसाद सहित 5 लोगों पर ग्रामीणों को धमकाने और नक्सलियों का साथ देने का आरोप था। इतना ही नहीं उस वक्त बस्तर रेंज के आईजी एसआरपी कल्लूरी पर भी घटना को लेकर सवालिया निशान उठे थे।
ज्ञात हो कि मृतक शामनाथ नक्सली गतिविधियों के खिलाफ गावों में जागरूकता अभियान चला रहे थे। जिसे लेकर उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही थी। इसी के चलते उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, जेएनयू प्रोफेसर अर्चना प्रसाद, नेता संजय पराते और विनीत तिवारी सहित दो अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। तोंगपाल हत्याकांड में क्लीन चिट देने के संबंध में आईबीसी 24 से बातचीत में सुकमा एसपी जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि सबूतों के आभाव में उन्हें क्लीनचिट दिया गया है।
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