रायपुर। चर्चित मिक्की मेहता मौत मामले की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। जेल और नक्सल डीजी गिरधारी नायक ने 18 साल पुराने मामले की करीब 14 सौ पन्नों की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। बता दें गिरधारी नायक फोन टेपिंग मामले में निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ जांच कर थे। इस मामले में पूरी रिपोर्ट को गोपनीय रखा गया है।
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गौरतलब है कि डॉ. मिक्की से मुकेश गुप्ता ने 1999 में कथित तौर पर गंधर्व विवाह किया था और संदिग्ध परिस्थितियों में मिक्की की 2001 में मृत्यु हो गई थी। मौत के तुरंत बाद मुकेश गुप्ता की शिकायतें हुईं। इनमें सरकारी नौकरी में रहते हुए दो शादी और मिक्की से मारपीट भी शामिल थीं। लेकिन मामला बरसों दबा रहा।
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दरअसल, एडीजी मुकेश गुप्ता सन 1999 में मिक्की मेहता नाम की नेत्र चिकित्सक के संपर्क में आए। धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकीयां बढ़ी. इस दौरान दोनों का एक बच्ची भी हुई। जिसका नाम मुक्ता गुप्ता रखा गया. मिक्की मुक्ता को लेकर अपने साथ रहने लगी। मिक्की मेहता की मां के मुताबिक जब मिक्की हैदराबाद में रहती थी। उस दौरान तिरूपती बालाजी में मुकेश गुप्ता ने मिक्की से गंधर्व विवाह किया था। जबकि मुकेश गुप्ता पहले से ही शादीशुदा थाॉ। लिहाजा वो मिक्की को पत्नि के रूप में स्वीकार नहीं करना चाहता था। इसी दौरान मिक्की की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. मिक्की की मां आरोप लगाती हैं कि मिक्की की मौत नहीं, बल्कि मुकेश गुप्ता ने उसकी हत्या कर दी थी।
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