रायपुर। शिक्षाकर्मी नेता वीरेंद्र दुबे को पत्र भेजकर नक्सलियों ने धमकी दी है, हालांकि ये पत्र क्यों भेजा गया है और ये धमकी शिक्षाकर्मी नेता को क्यों दी गयी है, इसका पूरी तरह से खुलासा पत्र में नहीं किया गया है। हालांकि शिक्षाकर्मी नेता के पास धमकी भरा पत्र भेजे जाने से हड़कंप जरूर मच गया है। मिली जानकारी के मुताबिक सुबह स्कूल खुलने के बाद पोस्ट के जरिये ये पत्र भेजा गया है।
शिक्षाकर्मी नेता वीरेंद्र दुबे द्वारा लिखा गया शिकायती पत्र –
पत्र के उपरी हिस्से में वीरेंद्र दुबे के नाम का जिक्र है, साथ ही ये भी लिखा है कि ये पत्र अन्य किसी को ना दिया जाये। पत्र में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की बात कही गयी है, शिक्षाकर्मियों के संविलियन की मांगों को माओवादियों ने भी सही बताते हुए लिखा है संविलियन ना होने की सूरत में मुख्यमंत्री व शिक्षाकर्मी नेता वीरेंद्र दुबे सहित 10 अन्य भाजपा नेता को निशाने पर लेने की बात कही है। हालांकि संविलियन पर सहमति जताने और 15 दिवसीय हड़ताल को जायज बताने के बाद भी वीरेंद्र दुबे को धमकी भरा पत्र भेजा जाना समझ से परे हैं। हालांकि ये किसी की शरारत भी हो सकती है।
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इस धमकी भरे पत्र के मिलने के बाद वीरेंद्र दुबे ने शालेय शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारियों के साथ मिलकर गृहमंत्री रामसेवक पैकरा को इसकी शिकायत की है और पूरे मामले की जांच की मांग की है। ये पत्र माओवादी मदनवाड़ा मानपुर नांदगांव कमेटी की तरफ से भेजा गया है। लेकिन शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र दुबे ने धमकी भरे पत्र की मूल प्रति नहीं दिखाने से मामला संदिग्ध नजर आ रहा है।
वेब डेस्क, IBC24
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