भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के ऊर्जा विभाग ने एक और कमाल किया है…ऊर्जा विभाग ने अपनी सेवाओं की संतुष्टि जांच के लिए उपभोक्तओं से फीडबैक लिया है…फीडबैक रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के 98 फीसदी उपभोक्ता ऊर्जा विभाग के काम से खुश हैं…रोज़ाना 500 से ज्यादा कॉल करके बिजली विभाग की तीनों कंपनियों ने ये रिपोर्ट तैयार की है…ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने भी ये दावा किया है कि मध्यप्रदेश में बिजली संकट या फिर ऊर्जा विभाग की सेवाओं में कोई चूक नहीं होगी…हालांकि बीजेपी ऊर्जा विभाग के दावों से इत्तेफाक न रखते हुए इस रिपोर्ट को नगरीय निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस सरकार के नंबर बढ़ाने की कोशिश बता रही है।
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बत्ती गुल के लिए बदनाम मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने एक बार फिर नया रिकॉर्ड बनाया है…पॉवर सप्लाई का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाने के बाद ऊर्जा विभाग ने 98 फीसदी उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने का दावा किया है…दरअसल ऊर्जा विभाग ने अपनी सेवाओं की संतुष्टि की जांच के लिए जनवरी महीने में 50 हज़ार से ज्याता उपभोक्ताओं से फीडबैक लिया…फीडबैक कॉल के दौरान 49 हजार 353 उपभोक्ता ऊर्जा विभाग की सेवाओं से संतुष्ट मिले।
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प्रदेश की तीन विद्युत वितरण कम्पनियां कॉल सेन्टर में उपभोक्तओं की शिकायतों के निराकरण की संतुष्टि जाँच के लिये रोज़ाना 500 उपभोक्ताओं से फीडबैक ले रही हैं। फीडबैक कॉल के जरिए ऊर्जा विभाग पॉवर कट, मेंटेनेंस, पॉवर सप्लाई, बिलिंग और कर्मचारियों की त्वरित पहुंच के बारे में रिपोर्ट ले रही है…कांग्रेस सरकार का दावा है ऊर्जा विभाग उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करता रहेगा।
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दरअसल पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में संतुष्ट उपभोक्ताओं का प्रतिशत लगभग 97.5, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में संतुष्ट उपभोक्तओं का प्रतिशत 92 और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में संतुष्ट उपभोक्ताओं का प्रतिशत 99.5 रहा है…जबकि इसके पहले ऊर्जा विभाग ने दिसंबर महीने में भी उपभोक्तओं से फीडबैक लिया था…दिसंबर की रिपोर्ट के मुताबिक फीडबैक कॉल में उपभोक्ताओं की संतुष्टि का प्रतिशत 96 रहा था।
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वहीं बीजेपी ऊर्जा विभाग और कमलनाथ सरकार के दावों से इत्तेफाक नहीं रखती, बीजेपी नेता रजनीश अग्रवाल के मुताबिक कांग्रेस सरकार जमीन पर फीडबैक लेने के बजाए अपने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर अपनी ही पीठ थपथपा रही है..सवा साल पहले हुए मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस को बिजली गुल करने के मामले में घेरने की पूरी कोशिश की थी।
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कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में वादा भी किया था कि सत्ता में आने के बाद उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली रियायती दरों पर दी जाएगी, वोटर्स ने कांग्रेस पर भरोसा किया और पार्टी ने 15 साल का सूखा मध्यप्रदेश में खत्म किया, लिहाज़ा सत्ता के सिंहसान पर बैठने के बाद कमलनाथ सरकार ने दिग्विजय सरकार के वक्त बिजली गुल करने के दागों को धोने की मुकम्मल कोशिश की है…यही वजह है कि आज मध्यप्रदेश का 98 फीसदी बिजली उपभोक्ता ऊर्जा विभाग के काम से खुश हैं।