प्रदेश के NGO अब नहीं लगा पाएंगे स्वास्थ्य शिविर, आयुष विभाग ने जारी किया निर्देश | NGO in the state will not be able to take health camp,AYUSH Department issued instructions

प्रदेश के NGO अब नहीं लगा पाएंगे स्वास्थ्य शिविर, आयुष विभाग ने जारी किया निर्देश

प्रदेश के NGO अब नहीं लगा पाएंगे स्वास्थ्य शिविर, आयुष विभाग ने जारी किया निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : June 7, 2019/6:09 am IST

जबलपुर। संस्कारधानी समेत पूरे मध्य प्रदेश में एनजीओ अब स्वास्थ्य शिविर नहीं लगा सकेगें। क्योंकि एनजीओ द्वारा स्वास्थ्य शिविर के लिए मिलने वाली अनुमति पर रोक लगा दी गई है। दरअसल जबलपुर जिले सहित प्रदेशभर में चल रहे एनजीओ द्वारा लोगों के लिए समय-समय पर आयुर्वेद चिकित्सा के स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे है, जिनमें एनजीओ द्वारा निःशुल्क और सशुल्क शिविर लगाकर न केवल लोगों से जांच और शिविर के लिए पैसे लिए जाते हैं, बल्कि इन शिवरों के एवज में लाखों रुपये के बिल आयुष विभाग को भेजकर उससे भुगतान करने की मांग की जाती है।

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वहीं इसके पीछे आयुष विभाग द्वारा दी गई पूर्व अनुमति का तर्क दिया जाता है। जिस अनुमति का हवाला भुगतान के लिए एनजीओ द्वारा दिया जाता है। दरअसल वह संभागीय या जिला स्तर पर अधिकारी से सांठगांठ कर ली गई होती है, जिसे देखते हुए आयुक्त संचालनालय आयुष विभाग ने आदेश जारी कर सभी संभागीय और जिला आयुष अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि वह अब किसी भी सूरत में किसी भी एनजीओ को स्वास्थ्य शिविरों के लिए अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया है।

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आयुष विभाग के आयुक्त संजीव कुमार झा ने अपने आदेश में कहा है कि एनजीओ चिकित्सा शिविरों के लिए विभाग में आवेदन देते हैं, और आयुष विभाग के अधिकारी इन एनजीओ के पास चिकित्सा शिविरों के लिए जरुरी होने वाले मौजूद संसाधनों की जानकारी भी नहीं लेते है, जबकि हकीकत में इन शिविरों के लिए एनजीओ के पास इंफ्रास्ट्रक्चर,रजिस्टर्ड डॉक्टर,पैरामेडिकल स्टॉफ और दवाओं की जरूरत होती है। इतना ही नहीं निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाए जाने के बाद भी दवाओं के नाम पर पैसो की वसूली की जाती है।

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इधर एनजीओ शिविरों मे होने वाले खर्च के बिल शासन को भेजकर लाखों रुपये भुगतान करने की मांग करते हैं,और बिल भुगतान का मामला खारिज करने पर यही एनजीओ अदालत में केस दर्ज करते हैं। जिससे आयुष विभाग की छवि अलग खराब होती है। इसलिए अब किसी भी सूरत में कोई भी आयुष अधिकारी अपने संभाग और जिले में किसी भी एनजीओ को न तो निशुल्क और न ही सशुल्क शिविर लगाने की अनुमति देगा। और यदि किसी एनजीओ को पूर्व में अनुमति दे दी गई है, तो उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।