यहां कोई दवा नहीं बल्कि मिलती है मदद की झप्पी, रील नहीं, रियल लाइफ का 'मुन्नाभाई'.. देखें खास रिपोर्ट | No Reel, Real Life's 'Munnabhai' in bhopal

यहां कोई दवा नहीं बल्कि मिलती है मदद की झप्पी, रील नहीं, रियल लाइफ का ‘मुन्नाभाई’.. देखें खास रिपोर्ट

यहां कोई दवा नहीं बल्कि मिलती है मदद की झप्पी, रील नहीं, रियल लाइफ का 'मुन्नाभाई'.. देखें खास रिपोर्ट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : March 14, 2019/6:50 am IST

भोपाल। मुफ्त में मदद और मुन्ना भाई जैसे किरदार आपने अब तक फ़िल्मी परदे पर देखे होंगे लेकिन आज हम आपको रील नहीं बल्कि रियल लाइफ का एक दवाखाना और उसके मुन्ना भाई का वो किरदार दिखाएँगे दिखाएंगे। ये एक ऐसा दवाखाना है जहा कोई फीस नहीं लगती। सबकुछ फ्री में होता है यहां न दवा मिलती है और न ही कोई डाक्टर बैठता है, लेकिन फिर भी यहाँ ठीक होने की चाह में मरीजो की कतार लगती है।

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ये है शाजापुर जिले के शुजालपुर में सवा सौ वर्ग फीट में बना मदद का दवाखाना। इसका नाम है हेल्प फार यू ये वही फोकट का दवाखाना है जहाँ सब मदद की आस लेकर आते है, मरीज को समझा रहा कुर्सी पर बैठा युवक पेशे से कोई डाक्टर नहीं है लेकिन उसके जस्बे को डिग्रीधारी डॉक्टर भी सलाम करते है,यहां कोई फीस नही लगती लेकिन लाखो रु खर्च का इलाज मुफ्त पाकर मरीज ठीक होते है, हैरत तो ये है कि इस फोकट के दवाखाने का संबंध किसी एनजीओ या अनुदान देने वाली संस्था से भी नही है और यहां मदद की आस में रोज, मरीजो की कतार लगती है। ये शख्स कोई दवा नहीं देता बल्कि मदद की ऐसी झप्पी देता है जिसे देख लोग इसे रीयल लाइफ का मुन्ना भाई कहने लगे है, अब तक ये शख्स 2 हजार से ज्यादा लोगो की जान बचा चुका है।

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इस युवक का नाम है पुरुषोत्तम पारवानी, दरसल पुरुषोत्तम ने अपने पिता को हार्ट में पेसमेकर लगवाने के लिए साल 2007 में सरकारी मदद मांगी थी, तब खुद शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री रहते पूरा इलाज कराने की घोषणा मोरटाकेवडी में की थी, लेकिन सरकारी सिस्टम उलझकर इन्हें पिता के इलाज के लिए मदद नही मिल सकी, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इन्हें सरकारी मदद मिलने की राह बताने वाला कोई मददगार नही था, बस इसी टीस के बाद इलाज को तरसते मरीजो को फ्री में मदद की प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए इस युवक ने खुद मददगार बन, और ऐसी पहचान बनाई कि इसी केंद्र पर 1 फरवरी की रात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान खुद पहुंचे और इस निस्वार्थ काम की जमकर तारीफ की

 
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