देहरादून: चीन और भारत के बीच लद्दाख की सीमा को लेकर जारी विवाद के बीच नेपाल लगातार भारत के सीमावर्ती इलाकों को अपना होने का दावा कर रहा है। भारतीय सीमा से लगे कुछ इलाकों को नेपाल का बताकर ओली सरकार ने बीते दिनों नक्शा भी जारी किया था। इसी कड़ी में अब नेपाल ने उत्तराखंड के कुछ इलाकों को अपना होने का दावा किया है।
दरअसल नेपाल के कंचनपुर जिले के भीमदत्त नगर पालिका के मेयर ने दावा किया है कि उत्तराखंड के कुमाऊं इलाके का चंपावत जिला उसकी सीमा में आता है। इतना ही नहीं उनका यह भी कहना है कि चंपावत जिला सदियों से नेपाल का हिस्सा रहा है। क्योंकि उसके जंगलों के लिए बनाई गई कम्युनिटी फॉरेस्ट कमेटी (सामुदायिक वन समिति) उनके नगर पालिका क्षेत्र में आती है। कई सालों पहले नगर पालिका ने इस इलाके में लकड़ी के बाड़ भी लगाए थे, जिसे पुराना होने पर हाल ही में बदल दिया गया है।
बताया जा रहा है कि चंपावत जिले के जिस इलाके को नेपाल अपना बता रहा है, वहां पर लकड़ी के इन बाड़ लगाने के लिए 45 लाख रुपए खर्च किया गया है। वहीं, जब भीमदत्त नगर पालिका के मेयर सुरेद्र बिष्ट से पूछा गया कि ये इलाके तो नो मैंन लैंड हें, तो आप ये कैसे दावा कर सकते हैं कि ये नेपाल का हिस्सा है।
जवाब में मेयर बिष्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते कि इन सीमाओं को लेकर कोई विवाद हो, तस्वीरों एकदम साफ है कि ये नेपाल का हिस्सा है। विवाद से आज तक किसी का भला नहीं हुआ है। लेकिन हम ये भी चाहते हैं कि ये मसला जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए। कुछ दिन पहले चंपावत जिले के टनकपुर में सीमा विवाद उठा था, जब नेपाली नागरिकों ने पिलर संख्या 811 पर अपना कब्जा जमा लिया था।
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