जेल में बंद शिक्षाकर्मी की मौत मामले में 15 लाख मुआवजा देने के आदेश, 'शासन चाहे तो तहसीलदार और एसडीएम से करें वसूली' | Order to give 15 lakh compensation in death case of shikshakarmi

जेल में बंद शिक्षाकर्मी की मौत मामले में 15 लाख मुआवजा देने के आदेश, ‘शासन चाहे तो तहसीलदार और एसडीएम से करें वसूली’

जेल में बंद शिक्षाकर्मी की मौत मामले में 15 लाख मुआवजा देने के आदेश, 'शासन चाहे तो तहसीलदार और एसडीएम से करें वसूली'

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : July 20, 2019/5:47 am IST

बिलासपुर। सेंट्रल जेल बिलासपुर में बंद एक शिक्षाकर्मी की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने मृतक के आश्रितों को 15 लाख रूपए का मुआवजा देने के लिए शासन को निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि शासन चाहे तो अधिकारियों से इस राशि की वसूली की जा सकती है। जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने जारी आदेश में कहा है कि निर्धारित समय के भीतर मुआवजा राशि ना दिए जाने पर नौ प्रतिशत ब्याज के साथ मुआवजा राशि प्रदान करना पड़ेगा।

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जनपद पंचायत पथरिया में पदस्थ शिक्षाकर्मी विजय डडसेना ने मतदान के पहले प्रशिक्षण बैठक में हिस्सा लिया था। बैठक के दौरान विजय डडसेना का एसडीएम से विवाद हो गया था। एसडीएम के निर्देश पर पुलिस ने विजय डडसेना को जेल भेज दिया था। विजय की गिरफ्तारी की जानकारी परिजनों को भी नहीं दी गई और उसकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई। परिजनों को जब पता चला की विजय जेल में है तो वो सेंट्रल जेल पहुंचे, लेकिन जेल प्रबंधन ने बताया कि विजय अस्पताल में भर्ती है।

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अस्पताल में पहुंचने पर विजय के परिजनों को पता चला कि विजय की मौत हो चुकी है। शिकायत के बाद मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई गई जिसमें विजय के शरीर पर चोट के 11 निशान पाए गए थे। इसके बाद मृतक शिक्षाकर्मी के माता और पिता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने ये पाया कि शासन द्वारा बनाया गया जवाब बनावटी है और मामूली धारा में भी जानबूझकर जमानत नहीं दी गई थी।

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हाईकोर्ट ने इस मामले में दो महीने के भीतर मृतक के आश्रितों को 15 लाख रूपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है और ऐसा न होने पर नौ प्रतिशत ब्याज के साथ मुआवजा देना होगा। शासन ने ये भी कहा है कि राज्य शासन चाहे तो एसडीएम और तहसीलदार से मुआवजे की राशि की वसूली कर सकता है।

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शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति निरस्त करने के आदेश

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