शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान से हमारी पहचान- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल | Our identity with martyr Veeranarayan Singh's sacrifice - Chief Minister Bhupesh Baghel

शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान से हमारी पहचान- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान से हमारी पहचान- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : December 20, 2020/1:08 pm IST

रायपुर। शहीद वीरनारायण सिंह के अमर बलिदान से हमारे प्रदेश की पहचान है। अंग्रेजों के विरुद्ध गरीब जनता के साथ संघर्ष करते हुए वे शहीद हुए। मैं उनके परिजनों से मिला। उनकी शहादत को हमारा नमन है। इस परिवार का योगदान कभी नहीं भूलाया जा सकता। शहीद वीरनारायण सिंह के परिजनों की पेंशन बढ़ाकर दस हजार रुपए मासिक किया गया है।

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यह बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय गोंड़ महासभा धमधागढ़ द्वारा आयोजित शहीद वीरनारायण सिंह बलिदान दिवस समारोह एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन के अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह का बलिदान 1857 के संग्राम में अविस्मरणीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पहचान ही हमारी शक्ति है। हमने निश्चय किया कि हम अपनी समृद्ध विरासत को सभी को दिखाएं। इस क्रम में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह आयोजित करने का निश्चय किया गया। ये समारोह लोगों को बहुत अच्छा लगा। इसमें 28 राज्यों के साथ ही 6 देशों के आदिवासी कलाकारों ने हिस्सा लिया।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हम जनजातीय लोगों की शैक्षणिक प्रगति के लिए भी दृढ़ संकल्पित हैं। बीजापुर और दंतेवाड़ा के बच्चों का नीट में चयन हुआ। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इनकी जिम्मेदारी ली और इनका एडमिशन भी कराया। उन्होंने कहा कि सरकार ने धान की उपज का उचित मूल्य तथा ऋण माफी जैसे बड़े निर्णय लिए जिससे खेती-किसानी से जुड़े लोगों को संबल मिला। किसानों का खेती के प्रति आत्म विश्वास बढ़ा है। किसानों को आर्थिक संबल देने से छत्तीसगढ़ का बाजार भी समृद्ध हुआ।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नीति सभी वर्गों का विकास करने की है। हम तीज-त्योहार एक साथ मनाते हैं। छत्तीसगढ़ में सभी लोग प्रेम और सदभाव से रहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी इलाकों में वनोपज संग्रहण करने वाले हमारे आदिवासी भाईयों को वनोपज के अच्छे दाम मिले। इसके लिए हमारी सरकार ने काफी प्रयास किया। प्रदेश में आज 52 लघु वनोपजों को खरीदने की और इनका प्रसंस्करण करने पर काम किया जा रहा है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को राहत देते हुए प्रति मानक बोरा तेन्दूपत्ता का मूल्य 4000 रूपए कर दिया गया है। इससे तेन्दूपत्ता संग्राहक आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह की स्मृति में कचना-धुरवा देवालय के निकट ही चौक में उनकी प्रतिमा होनी चाहिए। इसके लिए नगर निगम उचित निर्णय ले सकता है। मुख्यमंत्री ने भी सामाजिक पदाधिकारियों तथा समाज के सदस्यों को युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजित करने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। इस मौके पर संसदीय सचिव इन्द्रशाह मंडावी, भिलाई विधायक एवं महापौर देवेंद्र यादव, दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल, पूर्व विधायक मती प्रतिमा चन्द्राकर, एमडी ठाकुर सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी-कर्मचारी तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

 
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