पाकिस्तानी पायलट्स ने ली राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग, फ्रांस का इंकार | Pak Pilots Learn to Fly Raphael

पाकिस्तानी पायलट्स ने ली राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग, फ्रांस का इंकार

पाकिस्तानी पायलट्स ने ली राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग, फ्रांस का इंकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : April 11, 2019/9:52 am IST

नई दिल्ली । राफेल लड़ाकू विमान को लेकर एक और चौंका देने वाली खबर सामने आई है। भारत में राफेल पर मची गदर के बीच पाकिस्तानी पायलेट राफेल उड़ाना सीख रहे हैं। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन ने पाकिस्तानी पायलटों को राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग दी है। विमानन सेवाओं में शामिल ainonline ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है कि कतर के लिए नवंबर 2017 में जिन पायलटों को राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग दी गई उसमें पाकिस्तानी पायलट भी शामिल थे। फ्रांस के मॉन्ट-डे-मार्सान में 1 अक्टूबर 2017 को पहला कतर राफेल स्क्वाड्रन स्थापित किया गया था।

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बता दें कि कतर को पहला राफेल लड़ाकू विमान 6 फरवरी को दसॉल्ट ने सौंपा। कतर ने मई 2015 में 24 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए दसॉल्ट से समझौता किया था। हालांकि उसने दिसंबर 2017 को 12 और लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया।
पाकिस्तानी सैन्य बल मध्य-पूर्व के कई देशों में एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत कार्यरत हैं। जिसमें कतर भी शामिल है।

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हालांकि दसॉल्ट ने कहा कि उन्हें फ्रांस में प्रशिक्षित पाकिस्तानी एक्सचेंज पायलटों की जानकारी नहीं है। फ्रांस के भारत में राजदूत अलेक्जेंड्रे जिग्लर ने पाकिस्तानी एयरफोर्स पायलटों को राफेल विमान उड़ाने की ट्रेनिंग की खबरों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि मैं पुष्टि कर सकता हूं कि यह गलत खबर है।

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राफेल फाइटर प्लेन इस साल सितंबर में भारत को मिलेगा, लेकिन पाकिस्तान के पायलटों को ट्रेनिंग वाली खबर ने भारत की परेशानी को बढ़ा दिया है। क्योंकि जिन क्षमताओं से लैस राफेल भारत को सौंपा जा रहा है लगभग उन्हीं खूबियों वाला विमान कतर एयरफोर्स को भी सौंपा गया है।  इससे नुकसान यह है कि पाकिस्तान के पायलटों को कम से कम इस बात का तो पता चल ही जाएगा कि राफेल के हमले से किस तरह बचाव किया जाए। इस विमान की सबसे बड़ी खासियत इसका  राडार में नहीं आना हैं। इसकी मदद से पायलट को निशाना साधने और एक साथ कई हमले करने में मदद मिलती है।  ट्रेनिंग के दौरान पाकिस्तान के पायलट इसकी सटीक कार्यशैली और सिस्टम के बारे में जान जाएंगे जिनका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना करेगी ।