पार्सल बम का सच, प्रोफेसर ने हाईप्रोफाइल क्राइम को अंजाम देने रची थी फूलप्रूफ प्लानिंग | Parcel Bomb:

पार्सल बम का सच, प्रोफेसर ने हाईप्रोफाइल क्राइम को अंजाम देने रची थी फूलप्रूफ प्लानिंग

पार्सल बम का सच, प्रोफेसर ने हाईप्रोफाइल क्राइम को अंजाम देने रची थी फूलप्रूफ प्लानिंग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : April 26, 2018/4:58 am IST

रायपुर। ओडिशा के बोलांगीर जिले के पाटनागढ़ में रायपुर से भेजे गए पार्सल बम का दर्दनाक सच सामने आया है। इस धमाके इंजीनियर युवक समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसकी साजिश पाटनागढ़ के ही ज्योति विकास कालेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर पुंजीलाल मेहर ने रची थी। एक छोटे से कारण के कारण उनने तीन लोगों की जान ले ली। वह कालेज का प्रिंसिपल था, लेकिन कुछ महीने पहले मृतक इंजीनियर की मां संयुक्ता साहू को प्राचार्य बना दिया गया। जिसका बदला उसने तीन लोगों की जान लेकर लिया। अंग्रेजी साहित्य के प्रोफेसर ने इंटरनेट से पार्सल बम बनाना सीखा। 

प्रोफेसर संयुक्ता ने प्राचार्य बनने के बाद गड़बड़ियों की जांच शुरू करवाई तो गोलमाल के खुलासे से पुंजीलाल घबरा गया। फिर उसने इस को अंजाम देने के लिए भारी सावधानी बरती थी। एक माह बाद तक पुलिस को शक था कि आरोपी रायपुर का ही कोई व्यक्ति है, लेकिन पाटनागढ़ में प्रोफेसर और प्राचार्य में अनबन की चर्चाएं की जानकारी मिली। जब उसका मोबाइल चेक किया तो माजरा कुछ संदेहास्पद लगा। उसके कॉल रिकार्ड निकाले गए और पूछताछ की गई तो मामला कुछ क्लीयर होना शुरू हुआ। सख्त पूछताछ हुई तो वह टूट गया और इस तरह हाईटेक साजिश का भांडा फूटा। 

प्रोफेसर ने तय किया कि पार्सल बम वह रायपुर से खुद ही कूरियर करेगा। उसने मोबाइल घर पर छोड़ा और ट्रेन से 15 फरवरी को रायपुर पहुंचा। वह अपने साथ कालेज के ही छात्र एके शर्मा का आधार कार्ड भी लेकर आया। स्टेशन पहुंचते ही उसने कूरियर के बारे में पता किया। आटो करके वह स्टेशन चौक के ही एक कूरियर में पहुंचा। लेकिन वहां प्रक्रिया इतनी लंबी थी कि वह वहां से निकल गया और पूछताछ करता हुआ वह फाफाडीह के स्काई किंग कोरियर कंपनी के सामने पहुंच गया। 

पुंजीलाल ने आटोवाले को एके शर्मा का आधार कार्ड दिया और पार्सल बुक करवाने के लिए भेज दिया। कूरियर का कैमरा खराब था, इसलिए किसी का फुटेज नहीं आया। आटोवाला कूरियर करने के बाद लौटा और पुंजीलाल उसी आटो से स्टेशन चला गया। उसने शाम 6 बजे की ट्रेन पकड़ी। 

 

प्रोफेसर पुंजीलाल ने बलांगीर पुलिस की पूछताछ में स्वीकार किया कि पार्सल बम खुद उसी ने बनाया था। इसके लिए उसने यू-ट्यूब पर बम बनाने के तरीके वीडियो से सीखे। उसके लैपटॉप पर पार्सल बम बनाने के 12 अलग-अलग तरीके मिले। बम बनाने के लिए उसने कॉलेज की ही लैब कुछ रसायन चुराए। इसके बाद कालेज के नाम से बाजार कुछ विस्फोट में काम आने वाली सामग्री भी खरीदी। पार्सल बम बनाने के बाद बचा विस्फोटक जमीन में गाड़ दिया।

 
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