संसद में पीडीपी सांसदों ने फाड़ी संविधान की प्रति, नागरिकता रद्द होने के साथ जाना पड़ सकता है जेल | PDP MP in Parliament Torn constitution copy May have to go Jail with revoking citizenship

संसद में पीडीपी सांसदों ने फाड़ी संविधान की प्रति, नागरिकता रद्द होने के साथ जाना पड़ सकता है जेल

संसद में पीडीपी सांसदों ने फाड़ी संविधान की प्रति, नागरिकता रद्द होने के साथ जाना पड़ सकता है जेल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : August 5, 2019/1:32 pm IST

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटा दी है। इस बीच विपक्षी दलों ने बिल का जमकर विरोध​ किया । जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म करने और राज्य पुनर्गठन के नियमों को लेकर कांग्रेस, जेडी(यू), पीडीपी सहित कई पार्टियों ने विरोध किया । राज्य पुनर्गठन विधेयक के तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख क्षेत्र को अलग कर दिया है। लद्दाख और जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश हो गए हैं।

आर्टिकल 370 हटाए जाने के विरोध में पीडीपी के दो सांसद नाज़िर अहमद और मीर मोहम्मद फैयाज़ ने सदन में संविधान की कॉपी फाड़ दी। सरकार का विरोध करते हुए फैयाज़ ने अपना कुर्ता भी फाड़ दिया। इसके बाद सभापति वेंकैया नायडू ने मार्शल बुलाकर दोनों सांसदों को राज्यसभा से बाहर भेज करवा दिया । सदन के बाहर भी दोनों सांसदों का विरोध जारी रहा और विरोध में दोनों ने अपने कपड़े भी फाड़ डाले।

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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने का विरोध करने और राज्यसभा में संविधान की प्रति फाड़ने वाले पीडीपी के सांसद एमएम फैयाज और नाजिर अहमद पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। दोनों सांसदों को तीन साल के लिए जेल भेजा जा सकता है। यहां तक कि उनकी नागरिकता भी रद्द की जा सकती है।

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इन्सल्ट टू इंडियन नेशनल फ्लैग ऐंड कॉन्सटिट्यूशन ऑफ इंडिया, 1971 के मुताबिक, किसी सार्वजनिक जगह पर (या ऐसी जगह जो लोगों की नजर में हो) राष्ट्रीय झंडे या संविधान को जलाना, फाड़ना या उसका किसी भी तरह से अपमान करना अपराध है। ऐसा करने वाले को तीन साल तक की जेल हो सकती है। संविधान या फिर झंडे की स्वस्थ आलोचना अपमान की श्रेणी में नहीं आती है।

संविधान के आर्टिकल 51 (ए) में भी इस बात का उल्लेख है। भारतीय नागरिकों के लिए तय बुनियादी कर्तव्यों में राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्‍मान करना भी शामिल है। कोई भी नागरिक किसी भी तरह का विरोध जताने के लिए संविधान और तिरंगे का अपमान नहीं कर सकता है। इसके अलावा नागरिकता अधिनियम, 1955 के मुताबिक, अगर कोई भारतीय नागरिक संविधान का अपमान करे या उसकी बातों या हरकतों से साबित हो कि संविधान में उसकी निष्ठा नहीं है, तो उसकी नागरिकता छीनी जा सकती है।

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इससे पहले राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने बताया, ‘पीडीपी के सांसद मीर फयाज और नाजिर अहमद लावे को सदन से बाहर जाने का निर्देश दिया गया। दोनों सांसदों ने राज्यसभा में भारत के संविधान को फाड़ने की कोशिश की है।’ धारा 370 खत्म करने पर पीडीपी सांसद ने विरोध में काली पट्टी लगाकर पहुंचे और विरोध में जोर-जोर से नारे लगाते हुए अपने कुर्ते भी फाड़ डाले।

कपड़े फाड़ने वाले मीर मोहम्मद फैयाज़ कुपवाड़ा, जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं। मीर पीडीपी के उन वरिष्ठ नेताओं में से हैं जिन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री रहे मुफ़्ती मोहम्मद सईद के साथ काम किया हुआ है। दूसरे सांसद नाज़िर अहमद पीडीपी के संस्थापक सदस्य रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में 2008 और 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में वह कुलगाम सीट से हार गए थे। इसके बाद फरवरी 2015 में पीडीपी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था।

 
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