इस तारीख से पहले जन्मे लोग माने जाएंगे भारतीय नागरिक, नागरिता कानून के खिलाफ बवाल के बीच सरकार ने किया स्पष्ट | People born before this date will be considered Indian citizens

इस तारीख से पहले जन्मे लोग माने जाएंगे भारतीय नागरिक, नागरिता कानून के खिलाफ बवाल के बीच सरकार ने किया स्पष्ट

इस तारीख से पहले जन्मे लोग माने जाएंगे भारतीय नागरिक, नागरिता कानून के खिलाफ बवाल के बीच सरकार ने किया स्पष्ट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : December 21, 2019/10:54 am IST

नई दिल्ली। नागरिकता कानून को जाने बिना ही लोग इसके खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में जुटे हैं। प्रदर्शनकारियों को ये पता ही नहीं है कि आखिर NRC और CAA है क्या चीज। बहकावे में आकर दिल्ली सहित कुछ राज्यों में प्रदर्शन पूरी तरह हिंसा का रुप ले चुका है।

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गृह मंत्रालय के एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि भारत में जिनका जन्म 1987 के पहले हुआ या जिनके मात-पिता की पैदाइश 1987 के पहले की है, वो कानून के मुताबिक भारतीय नागरिक हैं और नागरिकता कानून 2019 के कारण या देशव्यापी एनआरसी होने की स्थिति में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। नागरिकता कानून के 2004 के संशोधनों के मुताबिक असम में रहने वालों को छोड़कर देश के अन्य हिस्से में रहने वाले ऐसे लोग जिनके माता या पिता भारतीय नागरिक हैं, लेकिन अवैध प्रवासी नहीं हैं, उन्हें भी भारतीय नागरिक ही माना जाएगा।

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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हाल में बने कानून के बारे में सोशल मीडिया पर कई संस्करण प्रसारित किए जाने के बीच यह स्पष्टीकरण आया है। अधिकारी ने कहा कि जिनका जन्म 1987 के पहले भारत में हुआ हो या जिनके माता-पिता का जन्म उस साल के पहले हुआ है, उन्हें कानून के तहत भारतीय माना जाएगा। असम के मामले में भारतीय नागरिक होने की पहचान के लिए 1971 को आधार वर्ष बनाया गया है।

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गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, देश में एनआरसी लागू करने पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। गैर भाजपा राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा नागरिकता कानून लागू न करने की घोषणा पर उन्होंने कहा, कानून लागू करना केंद्र के नियंत्रण में है। पूरी प्रक्रिया डिजिटल और आसान होगी, ताकि परेशानी न हो। मंत्रालय कानून के नियम बनाने की प्रक्रिया में है। लोग सुझाव दे सकते हैं। इससे भारतीयों की नागरिकता पर खतरा नहीं है।

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मंत्रालय ने कहा, किसी भारतीय से उसके माता-पिता या दादा-दादी के 1971 से पहले के जन्म प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज या वंशावली दिखाकर नागरिकता साबित करने को नहीं कहा जाएगा। मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, नागरिकता जन्मतिथि या जन्मस्थान से संबंधित दस्तावेज पेश कर साबित की जा सकती है।

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