पीएम मोदी ने कहा- काशी की तरह प्रवासी भारतीय भी दुनिया को भारत के ज्ञान से परिचित करवा रहे | PM Modi said that like Kashi NRIs are also introducing world to knowledge of India

पीएम मोदी ने कहा- काशी की तरह प्रवासी भारतीय भी दुनिया को भारत के ज्ञान से परिचित करवा रहे

पीएम मोदी ने कहा- काशी की तरह प्रवासी भारतीय भी दुनिया को भारत के ज्ञान से परिचित करवा रहे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : January 22, 2019/7:51 am IST

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि काशी और प्रवासियों में एक समानता है। काशी भारत के संस्कृतिक और दार्शनिक ज्ञान से दुनिया को चिरकाल से परिचित कराती रही है। प्रवासी भी दुनिया को भारत की ऊर्जा से परिचित करा रहे हैं। वे मंगलवार को वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में 150 देशों के 5000 से ज्यादा प्रवासी भारतीय शामिल थे।

इस सम्मेलन का उद्घाटन सोमवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, पहले लोग कहते थे कि भारत बदल नहीं सकता, हमने यह सोच बदल दी। दुनिया आज हमारे सुझावों को गंभीरता के साथ सुन और समझ रही है। पर्यावरण की सुरक्षा और विश्व की प्रगति में दुनिया भारत का योगदान स्वीकार कर रही है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस के माध्यम से दुनिया को हम वन सन, वन ग्रिड की ओर ले जाना चाहते हैं। हम रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और सबका साथ-सबका विकास के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था- दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो लोगों तक 15 पैसे पहुंचते हैं। 85 पैसे छूमंतर हो जाते हैं। एक पार्टी ने जितने साल शासन किया, उस पार्टी की बीमार शासन व्यवस्था को तो उन्होंने स्वीकार किया, लेकिन इसका इलाज नहीं किया। हमने 85 पैसे की इस लूट को शत-प्रतिशत खत्म कर दिया। बीते साढ़े चार साल में करीब 5 लाख 80 हजार करोड़ रुपए (80 बिलियन डॉलर) सीधे लोगों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए। ये सुधार पहले भी हो सकता था लेकिन नीयत नहीं थी, इच्छाशक्ति नहीं थी।

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बता दें कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2009 में की थी। यह हर दो साल में आयोजित होता है। पहला कार्यक्रम 9 जनवरी को किया गया था। दरअसल, 1915 में इसी तारीख को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। लिहाजा सरकार ने 9 जनवरी को प्रवासी दिवस मनाने का फैसला लिया।

 
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