पीएम मोदी की दो टूक, जिन्हें आतंकवादियों से सहानुभूति बस वही कर रहे आर्टिकल 370 हटाने का विरोध | PM narendra modi on article 370 35a, PM Modi said - Those who sympathize with terrorists Opposition to delete article 370

पीएम मोदी की दो टूक, जिन्हें आतंकवादियों से सहानुभूति बस वही कर रहे आर्टिकल 370 हटाने का विरोध

पीएम मोदी की दो टूक, जिन्हें आतंकवादियों से सहानुभूति बस वही कर रहे आर्टिकल 370 हटाने का विरोध

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : August 14, 2019/8:10 am IST

नई दिल्ली । मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 75 दिन पूरे हो गए हैं। पीएम मोदी ने सभी मंत्रालयों को 100 दिन की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। जिसमें अब कुल 25 दिन ही बचे हैं। इस दौरान सरकार के कई मंत्रालयों ने कई बड़े काम किए हैं। सारे मंत्रालयों में सबसे ज़्यादा चर्चा गृह मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर हो रही है।

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केंद्र सरकार के सबसे मजबूत फैसले की कुछ लोग आलोचना भी भी कर रहे हैं। इसको लेकर पीएम मोदी का कहना है कि जो लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं, वो आतंवाद को लेकर सहानुभूति रखते हैं। उन्होंने ये बातें एक समाचार एजेंसी से कही है।

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धारा – 370 पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”जो लोग भी आर्टिकल 370 हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं आप उनके नामों पर गौर करें। ये अपना फायदा देखने वाले लोग हैं, ये राजनीति से जुड़े परिवार के लोग हैं जो आतंक के साथ सहानुभूति रखते हैं और कुछ विपक्ष के लोग हैं. ये फैसला देश के लिए है न कि राजनीति के लिए. जो फैसला लेना पहले असंभव था उसे हमने हकीकत में बदल दिया है.”

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पीएम मोदी ने विस्तार से अपनी बात रखी, उन्होंने कहा कि धारा 370 के चलते हमारे देश को क्षति उठानी पड़ी है। पीएम मोदी ने कहा, ”अब हर कोई ये जान गया है कि आर्टिकल 370 और 35(A) ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को देश से अलग कर दिया गया था। यहां के लोग 70 सालों तक विकास से दूर रहे”।

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प्रधानमंत्री ने अपनी बातों को स्पष्ट करते हुए कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में स्थितियां तेज़ी से बदल रही हैं। उन्होंने कहा, ”कश्मीर के लोग लोकतंत्र को लेकर ज्यादा प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं। आपने देखा होगा कि पंचायत के चुनाव में कितनी बड़ी संख्या में लोगों ने वोट दिए थे। पिछले साल नवंबर और दिसंबर में यहां 35 हज़ार सरपंच चुने गए हैं। चुनाव में 74 फीसदी लोगों ने भाग लिया था। चुनाव के दौरान कोई हिंसा नहीं हुई है।

 

 

 

 
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