बीजापुर। जिले के कोमला और मिंगाछल गांव की तीन नाबालिग लड़कियों को दिल्ली से वापस लाया गया है । ये तीनों नाबालिग दिल्ली मज़दूरी करने गईं थी। दिल्ली में 15 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद बीजापुर पुलिस को यह कामयाबी मिली है। बताया जा रहा है कि पिछले 6 महीने से दिल्ली के निजी मकान में घरेलू काम करने ये तीनों नाबालिग गयी थी। जिले के SP दिव्यांग पटेल ने इस मामले की जानकारी दी है।
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सरकार बाल मजदूरी के खिलाफ कई अभियान चला रही है और हिदायत भी दे रही है गरीबी और आशिक्षा के चलते सुदूर अंचल के ग्रामीण आदिवासी परिवार दलालों के झांसे में आकर चंद रकम में ही अपने बच्चियों को बंधुवा मजदूर बना देते हैं । एसपी दिव्यांग पटेल ने बताया जब कोमला की एक लड़की दिल्ली में खुदखुशी की तब परिजनों ने नैमेड थाने में अपराध कायम किया ।
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बीजापुर की पुलिस एक्शन में आकर पिछले 15 दिनों से दिल्ली पुलिस के साथ तलाश में जुटी थी आखिरकार तीन नाबालिग आदिवासी लड़कियों को सुरक्षित निकाल लिया।मगर दलाल तक अभी पुलिस नही पहुंच पाई। बीजापुर एसपी ने बताया कोमला और मिनगाचल की रहने वाली बच्चियां मजदूरी करने के नाम पर करीब 6 महीने से दिल्ली गई हुईं थी। पुलिस तीनों से और लोगों के बारे में भी जांच कर रही है।
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जिम्मेदार लोगों की तलाश की जा रही है, साथ ही ये भी पता किया जा रहा है कि बच्चियों से वहां कुछ और तो नहीं कराया जा रहा था ? उनका शोषण तो नहीं हुआ ? इसकी भी जांच की जा रही है। हालांकि बच्चियों से पूछताछ में तो ऐसी कोई भी बात निकलकर सामने नहीं आई है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की विवेचना कर रही है।
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