नेताओं का एकमात्र लक्ष्य सियासी जीत! राजीव गांधी से शुरू हुआ सियासी सफर गोडसे तक पहुंचा | Political career started by Rajiv Gandhi, the sole goal of the leaders, the political victory reached Godse

नेताओं का एकमात्र लक्ष्य सियासी जीत! राजीव गांधी से शुरू हुआ सियासी सफर गोडसे तक पहुंचा

नेताओं का एकमात्र लक्ष्य सियासी जीत! राजीव गांधी से शुरू हुआ सियासी सफर गोडसे तक पहुंचा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : May 16, 2019/5:00 pm IST

भोपाल। नाथूराम गोडसे कौन था, कोई अगर आपसे ये पूछे तो आप बिना एक मिनट देर लगाए जवाब देंगे, बापू का हत्यारा था। लेकिन हमारे ही देश में कई लोगों के लिए गोडसे देशभक्त है मुश्किल तो तब हो जाती है, जब कोई जानी मानी हस्ती इस तरह के बयान जानबूझकर देती है। भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा उनमें से एक हैं। जिनके लिए गोडसे हत्यारा नहीं, बल्कि देशभक्त है।

ये भी पढ़ें: दिग्विजय सिंह ने कहा- ‘मोदी और शाह की जोड़ी देश के लिए घातक’

सवाल ये है कि क्या बापू के हत्यारे को देशभक्त बताना साध्वी प्रज्ञा की सोची समझी चाल है? जवाहरलाल नेहरु और राजीव गांधी से शुरू हुआ चुनावी प्रचार आखिरी राउंड आते-आते महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे पर पहुंच गया है। बीजेपी नेता और भोपाल से उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा आगर में पार्टी के उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए निकली, रास्ते में किसी ने साध्वी से गोडसे के आतंकी होने पर जब सवाल किया तो साध्वी का जवाब हैरान करने वाला था।

ये भी पढ़ें: तीनों सेना के खतरनाक जवानों की ‘आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल ऑपरेशंस डिविजन’ को मंजूरी, जानिए क्या है 

दरअसल गोडसे के मामले की शुरुआत अभिनेता से नेता बने साउथ के सुपरस्टार कमल हासन ने अपने रोड शो में की। कमल हासन ने बताया कि आजाद भारत का पहला आतंकी एक हिंदू था। जिसका नाम था नाथुराम गोडसे। वहीं मुस्लिम बहुल इलाके तमिलनाडु के कुरूर में कमल हासन का ये बयान उन्हें वोट दिला सकता है, लेकिन बदले में उनपर एफआईआर कराने से लाकर चप्पल फेंकने तक की घटनाएं हो चुकी हैं।

ये भी पढ़ें: साध्वी प्रज्ञा के बयान पर निर्वाचन आयोग ने लिया संज्ञान, नाथूराम गोडसे को बताया था देशभक्त

तमिलनाडु के एक मंत्री केटी राजेंद्र बालाजी ने तो जीभ काटने तक की सलाह दे दी है। दक्षिण से शुरू हुआ ये बवाल अब मध्य भारत में भी भूचाल ला रहा है। मालेगांव को भी कभी हिंदू आतंक से जोड़ा गया था। इसी मामले में जेल में बंद रही साध्वी ने जैसे ही एकबार फिर हिंदू आतंकी सुना, तो गोडसे को देशभक्त करार दे दिया। बीजेपी ने साध्वी के बयान से किनारा करने की कोशिश की, वहीं कांग्रेस पार्टी लगातार हमला कर रही है।

ये भी पढ़ें: नपाध्यक्ष-सीएमओ पर पोल क्लेम्प और जनरेटर भ्रष्टाचार का केस दर्ज, नगर पालिका अध्यक्ष फरार

घटिया बयानबाजी में एक दूसरे से होड़ कर रहे नेताओं का एकमात्र लक्ष्य है सियासी जीत। धर्म, आतंकी और हत्यारे की परिभाषा पार्टी और वोट के हिसाब से तय हो रही है। एक ही शख्स हत्यारा भी है, देशभक्त भी और हिंदू आतंकी भी, सुपरस्टार से लेकर साध्वी तक इस सियासी हमाम में सभी नंगे हैं।

 
Flowers