बस्तर । चुनाव के दौरान फिर एक बार नक्सल मामलों में फंसे निर्दोष आदिवासियों की रिहाई का मामला गरमाने लगा है । इस बार कांग्रेस और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस इस मामले को लेकर आमने-सामने हैं । हाल में कवासी लखमा की विधानसभा सीट कोंटा के नक्सल इलाकों से ग्रामीणों ने रैली निकालकर बकायदा इस रिहाई की मांग भी की है। इधर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने कवासी लखमा और कांग्रेस सरकार पर आदिवासियों को छलने का आरोप लगाया है।
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छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने दंतेवाड़ा उपचुनाव में नक्सल मामलों में जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों की रिहाई का मुद्दा फिर से उठाया है । जेसीसीजे ने कांग्रेस के कवासी लखमा पर आरोप लगाया है कि रिहाई को लेकर कांग्रेस सरकार और कवासी लखमा पहल करने से बच रहे हैं। यह आदिवासियों के खिलाफ वादाखिलाफी है।
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बस्तर में करीब ढाई हजार से अधिक माओवादी मामलों के बंधक अलग-अलग जेलों में फिलहाल कैद हैं। इनमें से बहुत से ऐसे हैं जिनके मामलों में इस बात की आशंका है कि मामले बिना वजह कायम किया गया है। बता दें कि इस मामले को सबसे पहले कवासी लखमा ने उठाया था और बाद में कांग्रेस के घोषणा पत्र में इसे शामिल किया गया था । सरकार ने इस मामले में एक सदस्यीय जांच दल भी बना दिया है । इसको लेकर अब राजनीति गरमाने लगी है।
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