नई दिल्ली। गुरूग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के नाबालिक छात्र प्रद्युम्न मर्डर केस में गुरूग्राम डिस्ट्रीक्ट कोर्ट ने आरोपी कंडक्टर को संदेह का लाभ देते हुए संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जमानत दे दी।
The bail was granted under Article 21 of the constitution. There were lot of differences between findings of CBI & Haryana Police. We were given benefit of doubt.: Anil Sharma, lawyer of conductor Ashok #PradyumanMurderCase pic.twitter.com/PvqsdUTiZC
— ANI (@ANI) November 21, 2017
आरोपी के वकील अनिल शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने पाया कि सीबीआई और हरियाणा पुलिस की जांच में कई असमानताएं है। जिसके बल पर आरोपी कंडक्टर अशोक को संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने 50,000 की जमातन राशि पर जमानत दी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अशोक से कहा कि यह जीवन और मृत्यु की बात है इसलिए 50,000 रूपए के बांड के साथ जमानत की अनुमति देते है।
#PradyumanMurderCase: Gurugram District Court judge observed that CBI did not submit any evidence against conductor Ashok. Court exonerated Ashok saying it’s a matter of life and death so allow the bail with a bond of Rs 50,000.
— ANI (@ANI) November 21, 2017
जिसका आधार हरियाणा पुलिस और सीबीआई की जांच में अलग-अलग तथ्यों को पेश करना बताया गया।
अमन वर्मा, IBC24
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