अब कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्राइवेट अस्पताल अधिकतम 150 रुपए ले सकेंगे सर्विस चार्ज, पीएम मोदी ने किया ऐलान | Private hospitals can only charge Rs 150 as service charge on vaccines: PM Modi

अब कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्राइवेट अस्पताल अधिकतम 150 रुपए ले सकेंगे सर्विस चार्ज, पीएम मोदी ने किया ऐलान

अब कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्राइवेट अस्पताल अधिकतम 150 रुपए ले सकेंगे सर्विस चार्ज, पीएम मोदी ने किया ऐलान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : June 7, 2021/12:22 pm IST

नई दिल्ली: नई दिल्ली: कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच पीएम मोदी ने सोमवार शाम 5 बजे देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने वैक्सीन और गरीबों को दिए जाने वाले मुफ्त राशन को लेकर बड़ा ऐलान किया है। इन सब के बीच पीएम मोदी ने वैक्सीन लगवाने वालों को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि अब प्राइवेट अस्पताल प्रबंधन वैक्सीन के सर्विस चार्ज के नाम पर 150 रुपए से अधिक नहीं वसूल सकेंगे।

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पीएम मोदी ने कहा, 21 जून सोमवार से देश के हर राज्य में 18 वर्ष की उम्र के ऊपर के सभी नागरिकों को भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी।  75 फीसदी वैक्सीन कंपनियों से खरीदकर राज्यों को केंद्र सरकार मुहैया कराएगी।  देश के सभी राज्यों को केंद्र मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी। सभी देशवासियों को भारत सरकार मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराएगी।

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देश के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, सबकुछ भारत सरकार ही क्यों तय कर रही है। राज्य सरकारों को लॉकडाउन की छूट क्यों नहीं मिल रही है। ये भी दलील दी गई कि संविधान में चूंकि हेल्थ प्रमुख रूप से राज्य का विषय है। इसलिए अच्छा है कि सब राज्य ही करें। इस दिशा में एक शुरुआत की गई। वृहत गाइलाइंस बनाकर राज्य को दी गई ताकि राज्य अपनी सुविधा के अनुसार काम कर सकें।

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पीएम मोदी ने कहा, भारत सरकार ने राज्यों की इन मांगों को स्वीकार किया है। इस साल 16 जनवरी से अप्रैल महीने के अंत तक भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम मुख्यत: केंद्र सरकार के अधीन ही चला। देश के नागरिक भी अनुशासन का पालन करते हुए अपनी वैक्सीन लगवा रहे थे। इस बीच, कई राज्य सरकारों ने फिर कहा कि वैक्सीन का काम विकेंद्रीकृत किया जाए। तरह-तरह के स्वर उठे, जैसे वैक्सीनेश के लिए एज ग्रुप क्यों बनाए गए। कुछ आवाजें तो ऐसी उठी कि बुजुर्गों का वैक्सीनेश पहले क्यों हो रहा है। इसके बाद यह सहमति बनी कि राज्य सरकारें अगर ऐसा प्रयास करना चाहती है तो भारत सरकार अकेले क्यों करे।

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इस बात को ध्यान में रखते हुए 16 जनवरी से जो व्यवस्था चली आ रही थी कि राज्य ये मांग कर रहे हैं, उनका उत्साह है तो चलो भाई 25 फीसदी काम उन्हीं को दे दिया गया। 1 मई से राज्यों को 25 फीसदी काम उनके हवाले कर दिया गया । . उसे पूरा करने के लिए उन्होंने अपने तरीके प्रयास किया गया। इस दौरान किस तरह की कठिनाई आती हैं, उन्हें इसका पता चला।