नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में आंतकी हमले और उसके बाद की योजना पर चर्चा हो सकती है। पुलवामा हमले में 40 सैनिक हो गए थे और कई घायल हुए थे।
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में यह पहला मौका है जब इस तरह के हमले के बाद सभी राजनीतिक दलों की मीटिग बुलाई गई है। पठानकोट, उरी और नागरोटा हमले के बाद यह पहला मौका है जब सत्तापक्ष आतंक के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए आम सहमति की कोशिश कर रहा है। इसके पहले सर्वदलीय बैठक सितंबर 2016 में हुई थी। उस वक्त सर्जिकल स्ट्राइक होने के बाद सभी पार्टियों की बैठक बुलाकर उनको इसकी सूचना दी गई थी।
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शुक्रवार को इससे पहले केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग के बाद कहा कि पाकिस्तान से मोस्ट फेवर नेशन के दर्जा वापस ले लिया गया है और इस बात के पुख्ता सबूत है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। हमले को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन जैश ए मोहम्म्द का ठिकाना पाकिस्तान में है।
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