भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की मेधावी छात्र योजना पर जबलपुर के छात्रों और उनके परिजन के सवाल उठने लगे हैं। जटिलताओं से छात्रों से लेकर अभिभावकों तक परेशान है। आरोप है कि कागजी कार्रवाई और प्रक्रिया इतनी जटिल है कि उसको पूरी करने के लिए बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगाते पड़ते है।
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दरअसल 12 वीं में पढने वाले छात्रों का भविष्य संवारने के लिए उच्च, तकनीकी और व्यवहारिक शिक्षा के लिए दूसरे शहरों में जाकर पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों जिनके परिवार की आय 6 लाख या इससे कम हो और एमपी बोर्ड में कम से कम 75 प्रतिशत और सीबीएससी और आईसीएससी में 85 फीसदी अंक के साथ पास हो के लिए योजना शुरु की गई है। ऐसे छात्रों की पढ़ाई का सारा खर्चा सरकार देगी।
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को जानकारी नहीं है। जिम्मेदारों ने शासन के के आदेश को सभी स्कूलों को भेज कर किनारा कर लिया। लेकिन जटिलताओं में उलझी प्रक्रिया सके चलते योजना से किनारा करते प्रतिभावान छात्रों के भविष्य का क्या होगा जब कर्णधार और ज़िम्मेदार ही गंभीर नही होगें। सही मकसद के साथ शुरू करने के बावजूद योजना में पलीता लगना लाजमी है।