पुष्कर मंदिर में राहुल ने हटाया अपनी जाति और गोत्र से परदा, दादा पारसी मां ईसाई तो कैसे हो गए कौल ब्राम्हण ! | rahul gandhi tells about his gotra in pushkar rajasthan

पुष्कर मंदिर में राहुल ने हटाया अपनी जाति और गोत्र से परदा, दादा पारसी मां ईसाई तो कैसे हो गए कौल ब्राम्हण !

पुष्कर मंदिर में राहुल ने हटाया अपनी जाति और गोत्र से परदा, दादा पारसी मां ईसाई तो कैसे हो गए कौल ब्राम्हण !

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : November 27, 2018/3:50 am IST

राजस्थान। पांच राज्यों के सियासी समर में जो सबसे बड़ा मुद्दा बना है वो राहुल गांधी की जाति और गोत्र का है। राहुल गांधी पर जाति, धर्म और गोत्र को लेकर अक्सर सवाल उठाने वाली बीजेपी को राहुल गांधी का जवाब मिल गया है। 

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राहुल गांधी ने राजस्थान में इन सारे सवालों का जवाब दे दिया है। राहुल ने अपनी जाति और गोत्र का खुलासा कर दिया है। राहुल गांधी ने सोमवार को पुष्कर दौरे के दौरान मंदिर में पूजा अर्चना की जब पूजारी ने उनका गोत्र पूछा तो राहुल ने अपना गोत्र दत्तात्रेय और खुद को कौल ब्राह्मण बताया है। इससे पहले गुजरात चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी का मंदिरों में पूजा अर्चना करना और फिर जनेऊ धारण करना काफी चर्चा में रहा था।राहुल गांधी के गोत्र पर भाजपा नेता संबित पात्रा के बाद मध्यप्रदेश के भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का बयान सामने आया है। रजनीश ने कहा है कि राहुल का गोत्र नेहरू परिवार का है, या फिरोज गांधी के परिवार का, रजनीश ने इसे बड़ा सवाल बताया है।

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तो इस पर राहुल गांधी ने अपना गोत्र नेहरू परिवार से जोड़ा है, राहुल गांधी के नाना जवाहरलाल नेहरू हैं। नेहरू का परिवार कश्मीरी पंडितों से हैं। जानकारी के मुताबिक इनके पूर्वज राज कौल थे जो कि कश्मीर में संस्कृत और फारसी के विद्वान थे। जवाहर लाल नेहरू की इकलौती बेटी और भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पारसी फिरोज जहांगीर से शादी की थी। दोनों की शादी से नेहरू नाखुश थे। महात्मा गांधी ने फिरोज को अपना सरनेम दिया था जो बाद में फिरोज गांधी हुए।

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नेहूरू से नाराजगी के बाद इंदिरा और फिरोज को महात्मा गांधी का साथ मिला, दोनों ने शादी इलाहाबाद में की, महात्मा गांधी ने फिरोज को अपना सरनेम दिया था, जिसके बाद से वे फिरोज गांधी कहलाने लगे। पारसी धर्म की प्रथा है कि अगर कोई पारसी पुरूष गैर-पारसी महिला से शादी करता है तो उसे पारसी समुदाय से स्वीकार नहीं करता, लेकिन उनके बच्चों को पारसी धर्म में आने की अनुमति होती है। बच्चे अपने पिता के ही धर्म को अपनाते हैं और आगे बढ़ाते हैं।

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इंदिरा और फिरोज की शादी ज्यादा दिन नहीं टीक पाई और 1943 में वे अलग हो गए, लेकिन दोनों ने तलाक नहीं लिया। इंदिरा के दोनों बेटे राजीव और संजय गांधी ने अपने पिता के बजाए अपनी मांग का धर्म अपनाया, हालांकि दोनों ने गैर हिंदू धर्म की महिलाओं से शादी रचाया राजीव ने ईसाई धर्म की सोनिया से और संजय ने मेनका से शादी की। बहरहाल राहुल गांधी पर लगातार जाति धर्म और गोत्र को लेकर उठ रहे सियासी सवालों का इसे जवाब माना जा सकता है।

 

 

 

वेब डेस्क, IBC24