नई दिल्ली। राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान जारी है। शाम 5 बजे तक तेलंगाना में 67 जबकि राजस्थान में 72.7 फीसदी वोटिंग हो चुकी है। मतदान का यह आंकड़ा और बढ़ सकता है, क्योंकि मतदान केंद्रों के अंदर भी भी लोग कतार लगाए हुए हैं। इससे पहले सुबह मतदान शुरु होने के बाद कई मतदान केंद्रों पर ईवीएम मशीनों के काम नहीं करने की खबरें भी आई। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य प्रमुख नेताओं ने वोट डाले। वहीं तेलंगाना के कालवाकुर्ती से कांग्रेस प्रत्याशी चल्ला वामशी चांद रेड्डी पर अज्ञात लोगों ने हमला किया है। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
बता दें कि राजस्थान में जहां मुख्य मुकाबला सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। वहीं, तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस, कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन और बीजेपी में त्रिकोणीय लड़ाई की संभावना है। एमपी, छत्तीसगढ़, मिजोरम समेत पांचों राज्यों में 11 दिसंबर को मतगणना होगी। राजस्थान में कुल 4,74,37,761 मतदाता है। राज्य के 199 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से कुल 2,274 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इंडियन नैशनल कांग्रेस से 194, भारतीय जनता पार्टी से 199, बहुजन समाज पार्टी से 189, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से 1, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से 16 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से 28 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि 817 गैर मान्यता प्राप्त दलों के प्रत्याशी एवं 830 निर्दलीय उम्मीदवार हैं।
तेलंगाना में त्रिकोणीय मुकाबला
इधर तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस, कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन और बीजेपी में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। तेलंगाना में पहली बार मतदाता सत्यापन पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) का उपयोग किया जा रहा है। वोटिंग सुबह 7 बजे हुई। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के रूप में चिन्हित की गईं 13 सीटों पर मतदान शाम 4 बजे तक ही हुआ। राज्य में कुल 2.80 करोड़ मतदाता थे। इस चुनाव के लिए कुल 32,815 मतदान केंद्र बनाए गए थे। तेलंगाना विधानसभा चुनाव मूल रूप से अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ होना था लेकिन राज्य कैबिनेट की सिफारिश के मुताबिक 6 सितंबर को विधानसभा भंग कर दी गई थी। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने समय से पहले चुनाव कराने का विकल्प चुन कर एक बड़ा दांव चला था। सत्तारूढ़ टीआरएस को कड़ी चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने टीडीपी, तेलंगाना जन समिति और सीपीआई के साथ एक गठबंधन बनाया है। टीआरएस और बीजेपी अपने-अपने दम पर चुनाव लड़ रही हैं।