राम करेंगे बेड़ापार... बीजेपी फिर से भावनात्मक वोट ले जाएगी या कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व वाला ये स्टांस भरपूर वोट दिलाएगा? | Ram Karenge Bedapar... Will BJP again take emotional votes or will this soft Hindutva stance of Congress get enough votes?

राम करेंगे बेड़ापार… बीजेपी फिर से भावनात्मक वोट ले जाएगी या कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व वाला ये स्टांस भरपूर वोट दिलाएगा?

राम करेंगे बेड़ापार... बीजेपी फिर से भावनात्मक वोट ले जाएगी या कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व वाला ये स्टांस भरपूर वोट दिलाएगा?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : July 9, 2021/6:17 pm IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में सत्तापक्ष पूरी दमदारी से उन मुद्दों को आगे बढ़ा रहा है, जो आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में उसे फिर से जनता का साथ दिला सके। इसके लिए एक तरफ सरकार का फोकस अपने वायदों को पूरा करने पर है, तो दूसरी तरफ जिन मुद्दों को भाजपा अब तक भुनाती आई है उन्हें भी कांग्रेस ने छीनकर बढ़त लेने का काम किया है। ऐसा ही एक मुद्दा है। राम नाम का अयोध्या में राम मंदिर पर भाजपा देशभर में अपनी पीठ थप थपाकर बहुसंख्यक वर्ग को अपने पाले में करने की जुगत में है, तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने राम वनगमन पथ और चंदखुरी के कौशल्या माता मंदिर की चमक लौटाने का बीड़ा उठाकर कम से कम छत्तीसगढ़ में इस मुद्दे पर भाजपा को करारा जबाव देने की तैयार कर ली है। लेकिन क्या सॉफ्ट हिंदुत्व की ये राह इतनी आसान रहेगी ये बड़ा सवाल है?

Read More: राजधानी की सड़कों पर दौड़ेंगी CNG बसें, सिटी लिंक लिमिटेड ने जारी किया टेंडर

बीते ढाई साल की ये चंद तस्वीरें बताती है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता बदलते ही सियासी सिंबल भी बदलने लगा है। तभी तो राम की सियासत पर बीजेपी का एकाधिकार नहीं रहा। कांग्रेस को भी राम की भक्ति रास आने लगी है।

Read More: Lockdown in India latest news today: फिर लगाया जाएगा लॉकडाउन? 90 जिलों ने बढ़ाई चिंता, नहीं थम रही संक्रमण की रफ्तार

जी हां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ये बयान इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में धान, किसान और प्रमुख मुद्दों के अलावा एक मुद्दा राम का भी होगा। निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ बीजेपी के लिये ये बड़ी चुनौती साबित होगी। दरअसल बीजेपी अब तक कांग्रेस को हिंदुत्व और राम विरोधी बताती रही है, लेकिन अब भूपेश सरकार पूरी तरह से राम की शरण में है। राम वनगमन का विकास, माता कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार, चंदखुरी में राम की ऊंची प्रतिमा का निर्माण, अयोध्या राम मंदिर के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दान और दो साल पूरे होने पर चंदखुरी में भूपेश मंत्रिमंडल का जश्न मनाना इस बात के उदाहरण है।

Read More: चंद रुपयों में नानी ने कर दिया नवजात नाती का सौदा, मां का अस्पताल में चल रहा था उपचार

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार अब गांव-गांव में मानस गायन प्रतियोगिता के जरिये मंडलियों को पुरस्कार भी देगी। सरकार की कोशिश है कि मानस मंडली के बहाने वो हर घर तक पहुंचे। सरकार की इस पहल पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा है कि काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती, जो पार्टी राम के अस्तित्व को नकारती है वो अब राम की बात करें तो अटपटा लगता है। बीजेपी के हमले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया। हम राज्य की संस्कृति को आगे बढ़ा रहे है तो बीजेपी को तकलीफ हो रही है, राम हमारे थे, हैं और रहेंगे।

Read More: आशीर्वाद देने गई किन्नर ने तीन माह की ​बच्ची का अपहरण कर नदी में ​फेंका, पैसे और नारियल नहीं देने पर हुआ था परिजनों से विवाद

राम नाम की लूट है..लूट सको तो लूट, इस ऑफर को पहले बीजेपी ने सीरियसली लिया और कांग्रेस के ज्ञान चक्षु खुल गए हैं। सवाल है राम की इस नई राजनीति से आगामी चुनावों में फायदा किसे होने वाला है? क्या बीजेपी फिर से राम को लेकर भावनात्मक वोट ले जाएगी या फिर कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व वाला ये स्टांस उसे भरपूर वोट दिलाएगा?

Read More: कथित गड़ा धन खोजने में लगा शिक्षक, खुदाई में लगे एक मजदूर की मौत, तीन अन्य की हालत गंभीर