Photo Gallery: इसी माह शुरू होगा राम वन गमन पथ के विकास एवं सौंदर्यीकरण का काम, ऐसी होगी तस्वीर | Ram Van Gaman Path development and beautification work will commence this month

Photo Gallery: इसी माह शुरू होगा राम वन गमन पथ के विकास एवं सौंदर्यीकरण का काम, ऐसी होगी तस्वीर

Photo Gallery: इसी माह शुरू होगा राम वन गमन पथ के विकास एवं सौंदर्यीकरण का काम, ऐसी होगी तस्वीर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : August 5, 2020/5:19 pm IST

रायपुर: कोरिया से सुकमा तक निर्मित होने वाला राम वन गमन पथ कदम-कदम पर राम-मय होगा। छत्तीसगढ़ शासन ने जो कार्ययोजना तैयार की है, उसमें तीर्थ एवं पर्यटनों स्थलों के द्वार से लेकर लैंप-पोस्ट और बैंच तक के सौंदर्यीकरण का विशेष ध्यान रखा गया है। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को राम वन गमन पथ की यात्रा के दौरान पग-पग पर भगवान श्रीराम के दर्शन होंगे। राम वन गमन पथ के मुख्य मार्ग सहित उप मार्गाें की कुल लम्बाई लगभग 2260 किलोमीटर है। इस मार्ग के किनारे जगह-जगह संकेतक तीर्थ स्थलों एवं पर्यटनों की जानकारी सहित भगवान श्रीराम के वनवास से जुड़ी कथाएं देखने और सुनने को मिलेंगी। वन गमन पथ के दोनों ओर विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण भी किया जा रहा है, ताकि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के दिलों दिमाग में प्रभु श्रीराम के वनवास का अहसास बना रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्राथमिकता वाली राम वन गमन परियोजना का कान्सेप्ट प्लान तैयार हो चुका है।

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मुख्यमंत्री बघेल की उपस्थिति में आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पर्यटन सचिव पी.अनबलगन ने इस संबंध में योजना की विस्तृत जानकारी पावरप्वांईट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी। 137 करोड़ 75 लाख रुपये की कुल लागत वाली इस परियोजना पर इसी अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह से काम शुरु हो जाएगा। इसकी शुरुआत रायपुर के निकट स्थित चंदखुरी से होगी। चंदखुरी भगवान राम का ननिहाल है। यहां माता कौशल्या का प्राचीन मंदिर है, जो सातवीं शताब्दी का है। माता कौशल्या मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण तथा विकास के लिए 15 करोड़ 45 लाख रुपये की योजना तैयार की गई है।

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अंबलगन ने बताया कि इस परियजोना के तहत लगभग 2260 किलोमीटर सड़कों का विकास किया जाएगा। लगभग 1400 किलोमीटर सड़कों के दोनों ओर वृक्षारोपण कार्य किया जाएगा। राम वन गमन पथ पर पहले चरण में जिन 9 स्थानों का चयन किया गया हैं, उन सभी में आकर्षक लैंडस्केप तैयार किया जाएगा। इन सभी स्थानों पर पर्यटकों के लिए नागरिक सुविधाओं का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। विश्वस्तरीय अधोसंरचनाओं के निर्माण के दौरान उच्च कोटि का प्री-कास्ट और फेब्रीकेशन वर्क सुनिश्चित किया जाएगा। सभी स्थानों पर भव्य द्वार बनाए जाएंगे, जिनके शीर्ष पर भगवान राम का धनुष और उसकी प्रत्यंचा पर रखा हुआ तीर होगा। द्वार पर जय श्रीराम के घोष के साथ राम-पताका लहरा रही होगी। तीर्थ-पर्यटनों पर स्थापित किये जाने वाले लैंपोस्ट भी प्राचीन काल की याद दिलाएंगे। इनके शीर्ष पर भी भगवान श्रीराम की आकृति होगी। एक अन्य डिजाइन में लैंपपोस्ट के शीर्ष पर भी तीर-धनुष स्थापित किया जाएगा।

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उन्होंने बताया कि राम वन गमन परिपथ में कोरिया से लेकर सुकमा तक सूचनात्मक स्वागत द्वार स्थापित किये जाएंगे। यात्रियों को इससे पता चल सकेगा कि वे परिपथ पर सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। किसी पडाव में पहुंचने पर एक खास डिजाइन का साइन बोर्ड उनका स्वागत करेगा। परिपथ में सड़क के किनारे विभिन्न स्थानों की दूरी और दिशा बताने वाले डायरेक्शन-पोस्ट भी स्थापित किए जाएंगे। इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि पर्यटन-तीर्थों में धार्मिक-स्थलों के आसपास सजने वाले पूजन-सामग्रियों के परंपरागत बाजार को भी व्यवस्थित कर नये तरह से डिजाइन किया जाए। इन बाजारों में आधुनिक तरीके से निर्मित, किंतु प्राचीनता की याद दिलाते स्टाल स्थापित किये जाएंगे। पर्यटकों की सुविधा के लिए पार्किंग स्थलों को भी अधिक सुरक्षित और सुव्यवस्थित किया जाएगा।

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सभी पर्यटन-तीर्थों में विशेष साज सज्जा वाले पर्यटक सूचना केंद्र स्थापित किये जाएंगे। राम वन गमन पथ का रूट मैप तैयार कर संबंधित विभागों को भेज दिया गया है। चंदखुरी, शिवरीनारायण, तुरतुरिया और राजिम के लिए परियोजना-रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। शिविरीनरायण ब्रिज के ऊपर लेजर लाइट शो का इंतजाम भी होगा। धमतरी जिले में सप्तऋषि आश्रम का सौंदर्यीकरण तथा विकास किया जाना है। नगरी को पर्यटन हब के रूप में विकसित किए जाने की योजना है। विभिन्न स्थानों पर बायोडायवर्सिटी पार्क का भी निर्माण किया जाएगा।

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पर्यटन विभाग द्वारा इतिहासकारों से चर्चा कर विभिन्न शोध पत्रों और प्राचीन मान्यताओं के आधार पर छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ के 75 स्थलों को चिन्हित किया गया है। प्रथम चरण में जिन 9 स्थलों का विकास किया जा रहा है, उनमें सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) शामिल हैं। फिलहाल प्रथम चरण में 5 स्थलों के विकास एवं सौंदर्यीकरण की कार्ययोजना तैयार कर निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी जा चुकी है। एक वर्ष की अवधि में निर्माण एजेंसियों द्वारा कार्ययोजना के अनुसार कार्यों को पूरा कराया जाएगा। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने राम वन गमन पथ के प्रमुख स्थलों के बारे में जनसामान्य को जानकारी देने के लिए सड़क के किनारे उपयुक्त स्थलों पर साइनबोर्ड लगाए जाने का सुझाव दिया। चंदखुरी स्थिति माता कौशल्या मंदिर परिसर सहित अन्य धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों के विकास एवं सौंदर्यीकरण के संबंध में मंत्री मोहम्मद अकबर, टी.एस. सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, डॉ. शिव कुमार डहरिया, अमरजीत भगत ने कई उपयोगी सुझाव भी दिए। इस दौरान मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, कवासी लखमा, गुरु रुद्रकुमार, मंत्री अनिला भेंडिया, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, चंद्रदेव राय, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, प्रदीप शर्मा, रूचिर गर्ग, मुख्य सचिव आर.पी. मंडल, अपर मुख्यसचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव वन मनोज कुमार पिंगुआ , कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.एम.गीता, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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