सेहत डेस्क। सेहत डेस्क। आज के प्रदुषण भरे माहौल में अगर हमारे शरीर का सबसे अधिक प्रभावित हिस्सा है। तो वह होता है फेफडा।आमतौर पर देखा जाता है कि फेफड़ों से संबंधित बीमारी अपने स्टार्टिंग स्टेज में कोई लक्षण प्रगट नहीं करती। इसलिए जरुरी है थोड़ी सी सावधानी बरतने की। आज हम जानेंगे डॉ सुशील जैन से की क्यों होते हैं फेफड़े से सम्बंधित रोग और क्या है इसका बचाव ।
सबसे पहले जानते हैं फेफड़ा से सम्बंधित रोग किसे कहते हैं।
इसे तीन चरणों में बांटा जा सकता है।
फेफड़ों और श्वसन प्रणाली से जुड़े अन्य अंगों को प्रभावित करने वाले रोगों को फेफड़ों के रोग कहा जाता है।
सांस संबंधी ज्यादातर समस्याएं फेफड़ों के रोग के कारण ही होती हैं।
फेफड़ों से संबंधित रोग होने पर रोगी को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीनज नहीं मिल पाती।
रोग के लक्षण
– सांस लेने में परेशानी
– खांसी से खून आना
– कम काम में ज्यादा थक जाना और ज्यादा पसीना आना
– लिम्फ नोड्स में सूजन
– ठंड लगकर बुखार आना
– वजन लगातार घटना
– व्यायाम करने की क्षमता कम होना
– बार-बार साइनस इंफेक्शन होना
फेफड़ों से सम्बंधित में रोग के कारण
– रेडॉन गैस के संपर्क में आने से
– ज्यादा धूल भरे वातावरण में रहने से
– अल्फा-1 की कमी, ये एक प्रकार की आनुवांशिक स्थित है
– बचपन में श्वसन तंत्र में संक्रमण होना
– केमिकल, धूल या धुंए के संपर्क में आना
– धूम्रपान करना
– किसी दूसरे व्यक्ति के धूम्रपान करने से निकलने वाले धुएं में सांस लेना
– आनुवांशिकता
आम तौर पर होने वाले फेफड़ों के रोग
– अस्थमा, COPD, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, वातस्फीति, तीव्र ब्रोंकाइटिस
– सिस्टिक फाइब्रोसिस, निमोनिया, टीबी, फेफड़ों में कैंसर
फेफड़ों में रोगों से बचाव
– रोजाना वॉक, व्यायाम और योग करें
– हृदय दर को बढ़ाने वाली एरोबिक एक्सरसाइज करें
– हाथों को नियमित धोएं
– गंदे हाथों से मुंह को न छुएं
– संतुलित आहार लें
– रोजाना 10 ग्लास पानी पिएं
– धूम्रपान न करें और धूम्रपान करने वालों से दूर रहें
– केमिकल, धूल या धुएं से दूर रहें।
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