रायपुर। भूपेश सरकार को केंद्र ने बड़ा झटका दिया है। किसानों को 2500 रूपए समर्थन मूल्य देकर धान खरीदने के विरोध में मोदी सरकार ने राज्य से चावल नहीं खरीदेगी। केंद्र के इस फैसले से छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से शुरू होने वाले धान खरीदी पर संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकार ने इस साल 87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार ने केंद्र से धान खरीदी का कोटा बढ़ाते हुए इसे इस साल 32 लाख मीट्रिक टन करने की मांग की थी। लेकिन केंद्र ने खरीदी पर ही रोक लगा दिया है।
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इस संबंध में केंद्र सरकार ने राज्य को पत्र भेजकर जानकारी है। पत्र में लिखा गया है कि धान बोनस देने के कारण केंद्र राज्य का चावल नहीं खरीदेगा। राज्य सरकार के सामने बड़ा संकट आ गया है कि आखिर अगर केन्द्र सरकार इसे नहीं लेगी तो फिर इस चावल का वह क्या करेगी।
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उद्योग विभाग ने चावल से एथेनॉल बनाने के लिए टेंडर कॉल किया है, लेकिन अभी तक इस पर किसी भी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई है। इससे चावल को लेकर संकट खड़ा होने की आशंका है। राज्य सरकार ने उद्यमियों को इस तरह के उद्योग लगाने के लिए कई ऑफर भी दिए हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है।
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