रूस के राष्ट्रपति पुतिन दे सकते हैं इस्तीफा, 37 साल की गर्लफ्रेंड और बेटियों का है दबाव | Russia's President Putin may resign

रूस के राष्ट्रपति पुतिन दे सकते हैं इस्तीफा, 37 साल की गर्लफ्रेंड और बेटियों का है दबाव

रूस के राष्ट्रपति पुतिन दे सकते हैं इस्तीफा, 37 साल की गर्लफ्रेंड और बेटियों का है दबाव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : November 7, 2020/6:20 am IST

नई दिल्ली। रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले साल राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे सकते हैं। 68 साल पुतिन पार्किंसन्स रोग से पीड़ित हैं। उनकी गर्लफ्रेंड एलिना काबाऐवा उन पर इस्तीफे का दबाव डाल रही हैं। पुतिन की बेटियां भी यही चाहती हैं। पुतिन 1999 से पावर में हैं। इस दौरान एक बार वे प्रधानमंत्री भी रहे। संविधान संशोधन के जरिए तीसरी और फिर चौथी बार राष्ट्रपति बने।

पढ़ें- दिवाली-छठ में घर जाने में होगी सहूलियत, इस राज्य के लिए 13 स्पेशल ट्रेन चलाने का ऐलान

पुतिन का 1952 में सेंट पीटर्सबर्ग में जन्म हुआ। लॉ में ग्रेजुएशन किया। खुफिया एजेंसी केजीबी में शामिल हुए। हर तरह के हथियार चलाने के साथ ब्लैक बेल्ट हैं। 1999 में जब बोरिस येल्तसिन ने इस्तीफा दिया तो कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। 2000 में चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने। 2004 में दूसरी बार चुनाव जीता। संविधान के मुताबिक, तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे। इसलिए, प्रधानमंत्री बन गए। संविधान संशोधन कराया। 2012 से अब तक राष्ट्रपति हैं।

पढ़ें- अनियंत्रित पिकअप के पलटने से 4 की मौत, 20 घायलों मे…

पुतिन और उनकी बीमारी के बारे में खुलासा ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ ने अपनी रिपोर्ट में किया है। अखबार से बातचीत में रूस की पॉलिटिकल एनालिस्ट वेलेरी सोलोवेई ने कहा- पुतिन पर उनकी 37 साल की गर्लफ्रेंड और अपनी दो बेटियों का दबाव है कि वे इस्तीफा दे दें। वेलेरी ने कहा- पुतिन पर परिवार का काफी प्रभाव है। परिवार की वजह से ही वो जनवरी में पद छोड़ने का ऐलान करने पर विचार कर रहे हैं।

पढ़ें- राजिम में 27 किसान अपने परिवार के साथ आज भूख हड़ताल…

वेलेरी ने आगे कहा- आशंका है कि पुतिन को पार्किंसन्स बीमारी हो गई है। कुछ वक्त से उनमें इसके लक्षण नजर आए हैं। मीडिया ने उनके वीडियो फुटेज का एनालिसिस भी किया है। इनमें पाया गया कि पुतिन की उंगलियां और पैर कांप रहे थे। वे बार-बार पैरों की पोजिशन बदलते नजर आए।

पढ़ें- व्यापक इंटरप्राइजेज, विजन फोर्स, ग्लासेस एंड टेंट औ…

जाने पार्किंसन्स क्या है ?
दुनिया में इस बीमारी से करीब 62 लाख लोग पीड़ित हैं। हर साल इस बीमारी के चलते करीब एक लाख लोगों की मौत हो जाती है। इस बीमारी में रोगी के शरीर में कंपकंपी और कठोरता आ जाती है। इससे उसे चलने और बैलेंस बनाने में दिक्कत होती है। अकसर वो लिख भी नहीं पाता। इसका असर मानसिक तौर पर भी होता है।