समझौता ब्लास्ट केस में असीमानंद समेत सभी आरोपी बरी, एनआईए कोर्ट ने सुनाया फैसला | samajhauta blast case All accused including Aseemanand acquitted NIA court pronounced verdict

समझौता ब्लास्ट केस में असीमानंद समेत सभी आरोपी बरी, एनआईए कोर्ट ने सुनाया फैसला

समझौता ब्लास्ट केस में असीमानंद समेत सभी आरोपी बरी, एनआईए कोर्ट ने सुनाया फैसला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : March 20, 2019/2:08 pm IST

नई दिल्ली । समझौता एक्सप्रेस में हुए ब्लास्ट मामले में पंचकुला की स्पेशल एनआईए अदालत ने असीमानंद समेत चारों अभियुक्तों को बरी कर दिया है। असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिन्दर चौधरी को अदालत ने बरी किया है। बता दें कि 8 फरवरी 2007 को दिल्ली से पाकिस्तान के लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस में पानीपत के पास बम धमाका हुआ था, जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई थी। मामले में असीमनंद समेत चार लोगों का आरोपी बनाया गया था। थे।

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पिछले एक पखवाड़े से पीड़ित पक्षकारों की तरफ से इस मामले को लटकाने की कोशिश की जा रही थी । राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अदालत ने बीते 11 मार्च को फरवरी 2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस विस्फोट में 68 लोग मारे गए थे जिसमें ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे। एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा एक नई याचिका दाखिल करने के बाद विशेष एनआईए अदालत को 14 मार्च को फैसला सुनाना था जिसे सोमवार यानि 18 मार्च तक के लिए टाल दिया गया था।

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महिला राहिला ने अपनी वकील के जरिए एक ईमेल भेजा था, जिसमें कहा गया कि वारदात के पाकिस्तान के आई विटनिस को सुनवाई के लिए नहीं बुलाया गया है। राहिला विस्फोट में मारे गए एक पाकिस्तानी की बेटी थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि पाकिस्तान के गवाहों को न तो समन भेजा गया और ना ही अदालत के समक्ष पेश होने को कहा गया। एनआईए अदालत को नई याचिका को स्वीकार करने पर फैसला लेना था। इस मामले में बहस 6 मार्च को समाप्त हो गई और एनआईए अदालत ने कहा था कि फैसला 11 मार्च को सुनाया जाएगा, लेकिन केस में पक्षकारों के अन्य दलीलों की वजह से 20 मार्च तक के लिए फैसला टाल दिया गया था।

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बता दें कि एनआई अदालत ने इससे पहले समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में पाकिस्तानी महिला राहिला वकील की पाकिस्तान से गवाह पेश करने की याचिका भी खारिज कर दी। राहिला ने वकील मोमिन मलिक के जरिए 11 मार्च को अर्जी दायर की थी। महिला ने अर्जी में दावा किया था कि इस मामले में गवाही देने के लिए पाकिस्तान में लोग मौजूद हैं और वह उन्हें अदालत में पेश होने की इजाजत दी जाए। एनआईए की विशेष अदालत ने राहिला की याचिका को खारिज कर दिया।

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यह विस्फोट दिल्ली से लाहौर के बीच चलने वाली ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत में हुआ था, जिसमें 68 लोग मारे गए थे। 43 पाकिस्तानी, 10 भारतीय व 15 अज्ञात लोग मारे गए थे। एनआईए अदालत ने इस मामले में जनवरी 2014 को हिंदू नेता स्वामी असीमानंद व तीन अन्य कमल चौहान, राजेंद्र चौधरी व लोकेश शर्मा के खिलाफ आरोप तय किए थे। असीमानंद को अदालत से अगस्त 2014 में जमानत मिल गई थी।

 
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