मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता सरकार के मंत्रियों को संगठन के कुछ नेताओं की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है। उनका कहना है कि प्रदेश में अफसरशाही हावी है और प्रशासकीय भ्रष्टचार चरम पर है। वहीं किसानों के बीच व्यापारी और बिचैलियों को लेकर खौफ है। इसके निराकरण के लिए ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हाल ही में हुए प्रशिक्षण वर्ग और जबलपुर में सात दिनों तक चली अनुषांगिक संगठनों की बैठक में यह रिपोर्ट सामने आयी है !ऐसे में भोपाल में मोहन भागवत सहित आरएसएस के तमाम दिग्गजों की मौजूदगी में होने वाली राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी के माथे पर चिंता है ! हालाँकि सार्वजानिक तौर पर आरएसएस के अनुसांगिक संगठन और बीजेपी इस बैठक को लेकर बोलने से बचते नजर आ रहे है।
आरएसएस के पास जो रिपोर्ट है उसमे सेवा भारती, भारतीय किसान संघ, संस्कार भारती, धर्मरक्षा जागरण समिति, विश्वहिंदू परिषद, बजरंग दल समेत कई अनुषांगिक संगठनों की ओर से आई शिकायतों में सत्ता और संगठन से जुड़े नेताओं की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल उठाए गए हैं। जिसमे साफ तौर पर कहा गया है की प्रदेश में मंत्री विभाग के मुखिया मात्र है ब्यूरो क्रेसी सरकार पर हावी है। इसको लेकर कांग्रेस ने भी सरकार और संघ दोनों पर सवाल उठाये है।
आरएसएस की इस रिपोर्ट में मध्य प्रदेश बीजेपी सरकार और संगठन के लिए शुभ संकेत नहीं है खुद प्रदेश में बीजेपी के मंत्री विधायक सार्वजानिक मंचो पर अफसर शाही हावी होने के आरोप लगाते रहे है। आरएएस की इस रिपोर्ट से ज्यादा सत्तारूढ़ बीजेपी को इस बात की चिंता है की संघ प्रमुख मोहन भागवत और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने पेश होने वाली इस रिपोर्ट में कंही प्रदेश के दिग्गजों पर गाज न गिर जाय।
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