विनोद वर्मा पर फैसला 3 बजे तक आने की उम्मीद | Sessions Court to make a decision on Vinod Verma's bail petition by 3 pm in today's hearing

विनोद वर्मा पर फैसला 3 बजे तक आने की उम्मीद

विनोद वर्मा पर फैसला 3 बजे तक आने की उम्मीद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : November 8, 2017/8:26 am IST

सेक्स सीडी मामले में सेशन कोर्ट में ज़मानत पर क़रीब दो घंटे बहस सुनने के बाद एडीजे जितेंद्र कुमार जैन ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट रूम के भीतर बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता फैज़ल रिज़वी ने पुलिस की पूरी थ्योरी को प्रश्नांकित किया। फैज़ल ने कहा कि मामला सरकार प्रशिक्षित षड्यंत्र है, क्योंकि एडिटर्स गिल्ड की रिपोर्ट से सरकार नाराज थी। जिससे कि सरकार को बस्तर में पत्रकारों के मसले  पर अप्रिय स्थिति का सामना कराना पड़ा था, फैज़ल रिज़वी ने बहस के दौरान सवाल उठाया “मसला फोन से धमकी का है..कोई प्रमाण है कि विनोद वर्मा ने फोन से धमकी दी, अव्वल तो सीसीटीव्ही फ़ुटेज यह बताते हैं कि कोई सीडी विनोद वर्मा से बरामद नहीं हुई तो आरोप क्या है.साथ ही फैज़ल रिज़वी ने एक बार प्रकरण में धाराओं के गलत प्रयोग का मुद्दा उठाया और सवाल किया उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा है की जिस जगह  सीडी की कॉपी हुई,  वो अभियुक्त नहीं बना, जिसने ना बनाया ना बाँटा, वह अभियुक्त बन गया और यदि पुलिस की कहानी सही है तो इस प्रकरण में लगाई गई धाराओं का क्षेत्राधिकार रायपुर कैसे होगा, क्योंकि यदि पुलिस की स्टोरी को थोड़ा भी सही मान लें तब भी 67A यदि प्रभावित होती है..तो वह इश्यु नारंग की दिल्ली स्थित दुकान है.
    “डेमोक्रेसी में रुल ऑफ़ लॉ है..रुल ऑफ़ पुलिस नहीं..विनोद वर्मा ने खुद पूरे मामले की जाँच की माँग की है पर वो जेल में है, बाद में हुई जाँच में यदि प्रमाणित हुआ कि उसने वो दोष ही नहीं किए, जो आरोप थे तो यह बेहतर कैसे होगा.बचाव पक्ष ने कहा कि इस मामले मेंअब जेल में रखने का कोई औचित्य नही है कोर्ट चाहे तो उपस्थिति को लेकर कड़ी शर्तें लगा दे पर ज़मानत को मंजुरी दे.
सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने पूरे तर्कों को ज़मानत के विषय से बाहर बता दिया और न्यायालय से कहा कि विषय सिर्फ़ इतना है कि ज़मानत दी जाए या ना दी जाए और पूरे मामले में पुलिस की कार्यवाही स्पष्ट है यह मामला चरित्र हत्या का है. सीडी से छेड़छाड़ टेम्प्रिंग कर चरित्र हत्या करने की कोशिश यह बेहद गंभीर मसला है. सरकारी पक्ष ने कहा कि विनोद वर्मा ने स्वीकारा है कि उसके पास अन्य तीन मंत्रियों की भी सीडी है.सरकारी पक्ष ने यह कहते हुए भी ज़मानत दिए जाने का विरोध किया कि ज़मानत मिलने का समाज पर सकारात्मक असर नहीं जाएगा।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जितेंद्र जैन ने  बहस सुनने के बाद फ़ैसला सुरक्षित रख लिया क़यास है तीन बजे के बाद कोर्ट ज़मानत पर फ़ैसला सुनाएगी

 

 
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