नहीं रहे ‘इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं’ जैसी गज़ल लिखने वाले अखलाक सागरी, 89 वर्ष की उम्र में निधन | Shaher Akhalak passes away at the age of 89

नहीं रहे ‘इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं’ जैसी गज़ल लिखने वाले अखलाक सागरी, 89 वर्ष की उम्र में निधन

नहीं रहे ‘इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं’ जैसी गज़ल लिखने वाले अखलाक सागरी, 89 वर्ष की उम्र में निधन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : December 22, 2018/9:02 am IST

सागर। ‘अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का’ और ‘इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं, किस कदर चोट खाए हुए हैं’ जैसे कलाम लिखने वाले मशहूर शायर अखलाक सागरी का 89 वर्ष की उम्र में शनिवार को निधन हो गया। उन्होंने न केवल ये दो कलाम लिखे बल्कि उनके लिखे गीत और शेर दुनियाभर में मशहूर हुए।

अखलाक सागरी का लिखा हुआ मशहूर कलाम ‘आज ही हमने बदले हैं कपड़े, आज ही हम नहाए हुए हैं। इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं, किस कदर चोट खाए हुए हैं’ तो इतना लोकप्रिय हुआ कि अमेरिका के रेडियो में हिंदी कार्यक्रम के दौरान रोजाना ही बजाया जाता रहा। इसके अलावा उनकी एक अन्य लोकप्रिय रचना में ‘फुटपाथ पर पड़ा था वो कौन था बेचारा/था कई दिनों का भूखा परलोक वो सिधारा/परलोक जब सिधारा, कुर्ता उठाकर देखा/कुर्ता उठाकर देखा तो पीठ पर लिखा था/ सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा’ शामिल है।

अखलाख सागरी के लिखे हुए ‘इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं, किस कदर चोट खाए हुए हैं’ को कई मशहूर गायकों ने अपनी आवाज दी है, जिनमें अनुराधा पोडवाल, अता उल्ला खां, सोनू निगम, गुरदास मान, जानीबाबू, पंकज उदास, मनहर उदास, अय्याज अली जैसे कई गायक शामिल हैं। वहीं विदेशों में पाकिस्तान, बांग्लादेश, दुबई, फिजी, सिंगापुर में उनकी यह गजल आज भी गाई जाती है। बल्कि इसी गजल को बिना कॉपीराइट के इस्तेमाल करने के कारण सागरी ने एक समय एक नामी कैसेट कंपनी के तत्कालीन मालिक को कोर्ट में घसीट लिया था।

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सागरी तीन बार दिल्ली के लालकिले से मुशायरा भी पढ़ चुके थे। इसके साथ ही तीन बार उनका नाम पद्मभूषण के लिए भी नामांकित हुआ, लेकिन तीनों बार वे इस की रेस से बाहर हो गए थे।

 
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