जम्मू-कश्मीर के लिए शाह की रणनीति तैयार, आतंकवाद, कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस | Shah's strategy ready for Jammu and Kashmir Zero Tolerance against terrorism, law and order corruption

जम्मू-कश्मीर के लिए शाह की रणनीति तैयार, आतंकवाद, कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

जम्मू-कश्मीर के लिए शाह की रणनीति तैयार, आतंकवाद, कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:06 PM IST, Published Date : June 9, 2019/12:16 pm IST

नई दिल्ली । अमित शाह के गृहमंत्री बनते ही मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में अपनी नीति साफ कर दी है। आतंकवाद के खिलाफ कड़ाई, कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार को खत्म करने की प्राथमिकताएं जैसा उसने विचार किया था तय कर दी गईं हैं। ऐसी कार्रवाई काफी पहले से देखी जा रही है लेकिन मौजूदा सरकार के गठन के बाद इसमें तेजी आने की संभावना है। ईडी, एनआईए, सीबीआई, सीबीडीटी और जम्मू कश्मीर सरकार की कई एजेंसियां अपने अपने काम में लग गई हैं। अभी हाल में जहूर वाताली और अन्य आरोपियों के खिलाफ टेरर फंडिंग को लेकर कार्रवाई की गई है। गुरुग्राम और जम्मू कश्मीर में इनसे जुड़ी संपत्तियों की कुर्की की गई है। यासीन मलिक के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की गई है।

ये भी पढ़ें- दीदी के गढ़ में बढ़ी ‘जय श्री राम’ नारे की धमक, दार्जिलिंग नगर निगम…

जम्मू कश्मीर में जेएंडके बैंक के चेयरमैन के खिलाफ केंद्रीय एजेसीं ने शिकंजा कसा है। अभी हाल में जम्मू कश्मीर में एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) का गठन किया गया है। दो महीने पहले ही एसीबी प्रमुख की नियुक्ति भी की गई है. एसीबी ने इन आरोपों पर जेएंडके बैंक के चेयरमैन के खिलाफ कार्रवाई की है
ये भी पढ़ें- गर्लफ्रेंड को प्रपोज करने युवक ने पीएम मोदी से मांगा हेलीकॉप्टर, बी..

एंटी करप्शन ब्रांच जम्मू- कश्मीर में कई मामलों की छानबीन कर रही है। डिफॉल्टर्स को बार बार लोन क्यों दिए गए जबकि कई सीसी अकाउंट एनपीए में दर्ज हो गए थे। बैंक के नियमों को ताक पर रखते हुए सैकड़ों करोड़ रुपए के लोन पास किए गए। बड़े डिफॉल्टर्स से रिश्वत लेकर लोन का मामला एक बार में सुलझा लिया गया। रॉयल स्प्रिंग गोल्फ कोर्स को सुंदर बनाने पर 8 करोड़ रुपए खर्च किए गए जबकि इसका आम लोगों से कोई वास्ता नहीं है। बजट दिखाने के लिए कश्मीर लाइफ को 30 लाख रुपया दिया गया जबकि इसे कोई नहीं देखता। ऐसे कई गंभीर मामले हैं जिनके खिलाफ एसीबी जांच कर रही है।