निर्वाचन से लेकर घोषणापत्र तक को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाले शम्भू प्रसाद शर्मा ने बिलासपुर से भरा नामांकन, राजनीतिक सरगर्मी तेज | election 2019: Shambhu Prasad Sharma got a name filled with Bilaspur.

निर्वाचन से लेकर घोषणापत्र तक को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाले शम्भू प्रसाद शर्मा ने बिलासपुर से भरा नामांकन, राजनीतिक सरगर्मी तेज

निर्वाचन से लेकर घोषणापत्र तक को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाले शम्भू प्रसाद शर्मा ने बिलासपुर से भरा नामांकन, राजनीतिक सरगर्मी तेज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : April 5, 2019/12:09 pm IST

बिलासपुर। विधानसभा चुनाव 2018 में कोटा विधानसभा से भारत भूमि पार्टी से खड़े हुए शम्भू प्रसाद शर्मा जिन्होंने सभी पार्टियों के मेनीफेस्टो को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए पूरे चुनाव को शून्य घोषित करने की मांग की है। साथ ही लोकसभा चुनाव 2014 में कोरबा लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी बंशीलाल महतो के खिलाफ चुनाव लड़कर उनके निर्वाचन को भी चुनौती देने वाले शम्भू प्रसाद शर्मा ने इस बार बिलासपुर लोकसभा सीट के लिए नामांकन भरा है।
ये भी पढ़ें –कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का गाजियाबाद में रोड शो, हजारों की तादाद में जुटे समर्थक

बता दें कि .शम्भू प्रसाद शर्मा अब बिलासपुर से चुनाव लड़कर सभी पार्टियों के प्रत्यशियों के लिए चुनौती बन सकते हैं। वे हारने के बाद भी जीते हुए प्रत्याशियों का पीछा आने वाले चुनाव तक नहीं छोड़ते। इसका जीता जागता उदहारण है कोरबा लोकसभा 2014 चुनाव में बंशीलाल महतो और कोटा विधानसभा सीट के 2018 के चुनाव में डॉ.रेणु जोगी। शम्भू प्रसाद दोनो के खिलाफ चुनाव लड़ चुके है। बता दें कि वे बंशीलाल महतो के खिलाफ कोरबा से लड़े थे और हार गए थे। महतो से हारने के बाद उन्होंने महतो के द्वारा चुनाव के समय शपथपत्र में झूठा जानकारी देने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जो 5 सालों तक चली जिसमे महतो को भी समय समय मे हाईकोर्ट में जवाब देना पड़ा।
ये भी पढ़ें –योगी आदित्यनाथ बोले- कांग्रेस मुस्लिम लीग के वायरस से संक्रमित, अगर जीती तो पूरे 

विधानसभा चुनाव 2018 की बात करें तो शम्भू प्रसाद शर्मा ने कोटा विधानसभा सीट से डॉ.रेणु जोगी के खिलाफ चुनाव लड़ा और हार गए , लेकिन हार जाने के बाद भी शम्भू ने रेणु जोगी समेत पूरे प्रदेश के पार्टियों के मेनिफेस्टो को ही हाईकोर्ट में चुनौती दे डाली। हाईकोर्ट में इलेक्शन पिटीशन दायर कर तर्क दिया कि उनका मेनिफेस्टो सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के तय मानकों पर बना हैं जबकि सभी पार्टियों का मेनिफेस्टो लोक लुभावन है। याचिका में मांग किया गया हैं कि 2018 के पूरे चुनाव को ही शून्य कर दिया जाए, हालांकि मामले में 2 बार सुनवाई हो चुकी हैं और कोर्ट ने निर्वाचन आयोग और अन्य को नोटिस भी जारी कर जवाब मांगा है। मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है।ऐसे में अब वे बिलासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए आज नामांकन दाखिल कर चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अब वे इस चुनाव में भी हारे या जीते , दोनों ही परिस्थितियों में अन्य दलों के प्रत्याशियों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते है।